शीतला अष्टमी पर इन चीजों का करें दान, दूर होगी आर्थिक तंगी

शीतला अष्टमी को बसौड़ा के नाम से भी जाना जाता है। यह हिंदुओं के प्रमुख व्रतों में से एक माना जाता है। यह व्रत हर साल चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन माता शीतला की पूजा का विधान है। इस दिन लोग अपने परिवार की सुख-शांति के लिए व्रत रखते हैं। वहीं, इस दिन (Sheetala Ashtami 2025) कुछ चीजों का दान करने से आर्थिक तंगी दूर होती है, तो आइए जानते हैं कि शीतला अष्टमी के दिन किन चीजों का दान करना चाहिए?

शीतला अष्टमी कब है?

वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 22 मार्च को सुबह 04 बजकर 23 मिनट पर होगी। वहीं, इस तिथि का समापन अगले दिन यानी 23 मार्च को सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर होगा। पंचांग को देखते हुए 22 मार्च को शीतला अष्टमी मनाई जाएगी।

जरूर करें इन चीजों का दान

शीतला अष्टमी के दिन दान करने का विशेष महत्व होता है। इस दिन कुछ चीजों का दान करने से आर्थिक तंगी दूर होती है और घर में सुख समृद्धि आती है।

वस्त्र

शीतला अष्टमी के दिन वस्त्र का दान करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन आप किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को वस्त्र दान कर सकते हैं। इससे आपको माता शीतला की कृपा मिलेगी और आपके घर में कभी धन-दौलत की कमी नहीं रहेगी।

अनाज

शीतला अष्टमी के दिन अनाज का दान करना भी बहुत ही उत्तम माना जाता है। ऐसे में इस पावन तिथि पर आप किसी जरूरतमंद व्यक्ति को अनाज का दान कर सकते हैं। इससे आपके घर में कभी भी अन्न की कमी नहीं होगी।

जल

इस शुभ दिन पर जल का दान करना भी पुण्यदायी माना गया है। इस दिन आप किसी प्यासे व्यक्ति को जल पिला सकते हैं। या फिर किसी स्थान पानी की सेवा करवा सकते हैं। इससे आपके जीवन में शांति आएगी।

झाड़ू

इस तिथि पर झाड़ू का दान करना भी बहुत ही शुभ माना जाता है। ऐसे में आप इस दिन किसी मंदिर या सार्वजनिक स्थान पर झाड़ू का दान कर सकते हैं। इससे आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा का वास होगा और घर में बरकत आएगी।

सूप

शीतला अष्टमी के दिन सूप का दान करना बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन आप किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को सूप का दान कर सकते हैं। इससे आपको माता शीतला का आशीर्वाद प्राप्त होगा और आपके घर में कभी धन-धान्य की कमी नहीं होगी।

शीतला अष्टमी का धार्मिक महत्व

शीतला अष्टमी का व्रत हिंदू धर्म में बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन देवी शीतला की पूजा करने से घर में सुख-शांति आती है। इसके साथ ही तमाम तरह की बीमारियों से बचा जा सकता है। इस दिन बासी भोजन का भोग लगाया जाता है। इसलिए इसे बसौड़ा भी कहा जाता है।

शीतला अष्टमी मंत्र

1. “ॐ ह्रीं श्रीं शीतलायै नमः”

2. ”वन्देऽहंशीतलांदेवीं रासभस्थांदिगम्बराम्, मार्जनीकलशोपेतां सूर्पालंकृतमस्तकाम्,

शीतले त्वं जगन्माता शीतले त्वं जगत्पिता।”

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