कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो इस हफ्ते देंगे इस्तीफा, जानिए क्या बड़ी वजह…
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो इस हफ्ते इस्तीफा दे देंगे। आखिर ट्रूडो इतना बड़ा कदम उठाने पर मजबूर क्यों हुए, इसके पीछे की बड़ी वजह सामने आ गई है। असल में ट्रूडो की पार्टी के सांसद उनसे खफा हैं। इसके अलावा विदेश से दबाव भी बढ़ता जा रहा है। ट्रूडो ने पहले ही भारत से पंगा ले रखा था। फिर अमेरिका में ट्रंप के राष्ट्रपति चुनाव जीतते ही उनके लिए हालात और मुश्किल हो गए। ट्रंप प्रशासन में अहम ओहदा संभालने जा रहे एलन मस्क ने यहां तक कह दिया था कि ट्रूडो बहुत दिन तक सत्ता में नहीं रहेंगे।
पार्टी सांसद हैं खिलाफ
ट्रूडो की सबसे बड़ी मुश्किल उनकी अपनी पार्टी के सांसद हैं। 153 लिबरल सांसदों में आधे ट्रूडो के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। अनुमान है कि ऐसे सांसदों की संख्या 100 तक भी पहुंच सकती है। इन सबके बीच कनाडा में सत्ताधारी दल के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की तैयारी है। यह प्रस्ताव 27 जाने को लाने का प्लान है, जब हाउस ऑफ कॉमंस की बैठक होगी। माना जा रहा है कि इस दौरान ट्रूडो पार्टी नेतृत्व पर फैसले के लिए कुछ समय की मांग कर सकते हैं। लिबरल पार्टी के सांसद अंतरिम नेता के लिए विकल्प की तलाश में जुटे हुए हैं।
सर्वे ने बढ़ाई मुश्किल
ट्रूडो की दूसरी सबसे बड़ी मुश्किल है देश में हुए हालिया सर्वे। इन सभी सर्वे में कंजर्वेटिव पार्टी को लिबरल्स के ऊपर 20 फीसदी की बढ़त दिखाई गई है। इसमें सबसे ताजा सर्वे शुक्रवार को आया एआरई सर्वे है। इसमें कहा गया है कि अगर पूर्व डिप्टी प्राइम मिनिस्टर क्रिस्टिया फ्रीलैंड को सत्ताधारी पार्टी का नेता बनाया जाए तो कंजर्वेटिव्स को थोड़ी टक्कर दी जा सकती है।
गौरतलब है कि फ्रीलैंड ने 16 दिसंबर को अचानक इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद से पार्टी के अंदर ट्रूडो के इस्तीफे की मांग और ज्यादा प्रबल हो गई। ट्रूडो के नेतृत्व में पार्टी का सपोर्ट 16 परसेंट तक गिर गया है। वहीं, फ्रीलैंड के नेतृत्व में समर्थन 20 फीसदी के ऊपर पहुंचने की उम्मीद जताई गई है।
यह नेता भी ले सकते हैं ट्रूडो की जगह
पार्टी के नए नेता के तौर पर ट्रूडो की जगह लेने वालों की लिस्ट काफी लंबी है। इनमें फ्रीलैंड के अलावा, बैंक ऑफ कनाडा के पूर्व गवर्नर मार्क कार्नेरी, विदेश मंत्री मेलेनी जॉली, वित्तमंत्री डॉमिनिक लेब्लैंक, इनोवेशन मिनिस्टर फ्रैंकोइस फिलिप और ट्रांसपोर्ट व आंतरिक मंत्री अनीता आनंद शामिल हैं।
अमेरिका का दबाव
कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के हाल के दिनों में कई देशों से पंगा रहा है। इनमें भारत सबसे अहम रहा। वहीं, अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप ने चुनाव जीतने के बाद कनाडा पर दबाव बना दिया है। ट्रंप ने कनाडा पर टैरिफ बढ़ाने का ऐलान कर दिया है। इसको लेकर ट्रूडो अमेरिका गए थे और ट्रंप से मुलाकात की थी। लेकिन लगता नहीं है कि बात बनी है। ट्रंप ने कनाडा को अमेरिका का 51वां राज्य बनाने तक की बात कह डाली थी। यही नहीं, मस्क ने भी कनाडा को लेकर टिप्पणियां की थीं।