ठगी के 22 मामलों में 3 करोड़ फ्रीज, नवंबर महीने में पुलिस ने 11 जालसाज दबोचे

नोएडा, नवंबर महीने में साइबर ठगी के 22 मामले में साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने तीन करोड़ चार लाख 60 हजार रुपए की रकम फ्रीज कराई है। अदालत से आदेश प्राप्त कर फ्रीज हुई रकम को पीड़ितों के मूल खातों में भेजने की प्रक्रिया जारी है। इस दौरान साइबर ठगी में शामिल 11 ठगों को पुलिस ने अलग-अलग जगहों से गिरफ्तार भी किया। डीसीपी साइबर क्राइम प्रीति यादव ने बताया कि साइबर ठगी के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। जैसे ही ठगी की शिकायत मिलती है, संबंधित बैंक से समन्वय स्थापित कर ठगी की रकम को फ्रीज कराने का प्रयास किया जाता है।

ठगी के एक घंटे के भीतर अगर मामले की शिकायत मिल जाती है तो रकम को होल्ड और फ्रीज कराना आसान होता है। नवंबर माह में पुलिस ने यूपी समेत अन्य राज्यों से ठगी में शामिल 11 ठगों को गिरफ्तार किया है। गिरफ्त में आए ज्यादातर आरोपी ठग गिरोह को ठगी के लिए बैंक खाते उपलब्ध कराते थे। कई अन्य आरोपी भी पुलिस के रडार पर हैं। जल्द ही ही उनकी गिरफ्तारी भी सुनिश्चित की जाएगी। बीते महीने साइबर क्राइम थाने में ठगी के 22 मामले दर्ज हुए। ज्यादातर मामले डिजिटल अरेस्ट और निवेश के नाम पर होने वाली ठगी के थे।

धोखाधड़ी से संबंधित तीन करोड़ रुपए से अधिक रकम को इस दौरान फ्रीज कराया गया है। डीसीपी साइबर क्राइम ने बताया कि ठगी के बढ़ते मामलों को देखते हुए पुलिस की ओर से एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें बताया गया है कि साइबर से संबंधित किसी भी समस्या के लिए साइबर क्राइम हेल्पलाइन नम्बर 1930 अथवा साइबर क्राइम की वेबसाइट ूूू.बलइमतबतपउम.हवअ.पद पर अपनी शिकायत दर्ज करें।क्रेडिट कार्ड, डेबिट कार्ड, पैन कार्ड व आधार कार्ड अपडेट करने के लिये बैंक द्वारा कोई लिंक नहीं भेजा जाता है।

यदि हो सके तो सदैव विश्वसनीय एवं भारत सरकार के अधीन शेयर मार्केट पर ही निवेश करें। वॉट्सऐप कॉल टेलीग्राम या सोशल मीडिया के अन्य किसी प्लेटफार्म से यदि कोई व्यक्ति संपर्क कर शेयर मार्केट में निवेश के लिए प्रोत्साहित करता है तो उस पर विश्वास ना करें। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया द्वारा निर्धारित की गई गाइडलाइन का सदैव पालन करें।

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