सर्दियों में खूब खाते हो सरसों का साग, तो आज जान लें इसके नुकसान भी

सर्दियों की शुरुआत होते ही घरों में साग बनना शुरु हो जाता है। साल भर इसका इंतजार किया जाता है पर क्या आपको मालूम है कि साग को हर कोई नहीं खा सकता। सरसों का साग भले ही स्वादिष्ट होता है लेकिन फाइबर की मात्रा ज्यादा होने के कारण ये पचाने के लिए भारी होता है। यहां जानें किन लोगों को सर्दियों में सरसों का साग नहीं खाना चाहिए और इसका क्या नुकसान होता है।

किन लोगों को करना चाहिए परहेज

जिन्हें पेट से जुड़ी समस्याएं होंः सरसों का साग भारी और गैस बनाने वाला हो सकता है। अगर किसी को एसिडिटी, पेट दर्द या इरिटेबल बॉवेल सिंड्रोम की समस्या है, तो उन्हें इसका सेवन कम करना चाहिए। साग को ज्यादा घी या मसालों के साथ पकाने से यह समस्या और बढ़ सकती है।

जिन्हें किडनी की समस्या होः सरसों का साग ऑक्सालेट्स से भरपूर होता है, जो किडनी में पथरी (किडनी स्टोन) की समस्या को बढ़ा सकता है। किडनी के रोगियों को इसे सीमित मात्रा में ही खाना चाहिए।

थायरॉइड रोगियों कोः सरसों में गॉयट्रोजेनिक पदार्थ होते हैं, जो थायरॉइड ग्रंथि की कार्यक्षमता को बाधित कर सकते हैं। थायरॉइड रोगियों को इसे खाने से पहले डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए।

जिन्हें एलर्जी होः सरसों का साग कुछ लोगों में एलर्जिक प्रतिक्रिया पैदा कर सकता है, जैसे त्वचा पर रैशेज, गले में जलन या सांस लेने में दिक्कत।जिन लोगों को आयरन से जुड़ी कोई समस्या है, उन्हें यह साग सीमित मात्रा में खाना चाहिए।

सरसों का साग खाने के नुकसान

  • अधिक मात्रा में खाने से अपच या भारीपन महसूस हो सकता है।
  • ज्यादा तेल, मक्खन या मसालों के साथ पकाया गया साग मोटापा बढ़ा सकता है।
  • कच्चे साग में मौजूद गॉयट्रोजेन थायरॉइड को प्रभावित कर सकते हैं, इसलिए इसे अच्छी तरह पकाकर ही खाएं।

सावधानिया

  • सरसों का साग पकाने से पहले इसे अच्छी तरह धो लें ताकि इसमें मौजूद गंदगी और कीटनाशक हट जाएं।
  • इसे अन्य सागों (जैसे बथुआ, पालक) के साथ मिलाकर पकाएं ताकि संतुलित पोषण मिल सके।
  • कम मसालों और घी का उपयोग करें।
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