भाजपा ने कुरान के अपमान पर ‘आप’ के साथ ‘इंडिया’ गठबंधन से मांगा जवाब, जानिए पूरा मामला

आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक को कुरान के अपमान की सजा सुनाए जाने के बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने इसे मुद्दा बना लिया है। महरौली से आप विधायक नरेश यादव को दोषी करार दिए जाने के बाद भाजपा ने ‘आप’ के साथ ‘इंडिया’ गठबंधन से जवाब मांगा है। भाजपा ने मंगलवार को बड़ा प्रदर्शन किया और विधायक को तुरंत पार्टी से निकालने की मांग की।

दिल्ली में विधानसभा चुनाव के ऐलान से पहले भाजपा और ‘आप’ के बीच कई मुद्दों पर टकराव तेज हो गया है। ‘आप’ जहां दिल्ली में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाकर केंद्र सरकार को घेरने में जुटी है तो दूसरी तरफ भाजपा दिल्ली के सत्ताधारी पार्टी के ऐसे विधायकों के जरिए जवाब दे रही है जो कानूनी फंदे में फंसे हुए हैं।

पंजाब में मालेरकोटला जिले की एक अदालत ने शनिवार को वर्ष 2016 के कुरान की बेअदबी से जुड़े मामले में दिल्ली के महरौली से आप के विधायक नरेश यादव को दो साल की सजा सुनाई है। दिल्ली भाजपा ने दोषी विधायक को ‘आप’ से निष्कासित किए जाने की मांग को लेकर बड़ा प्रदर्शन किया। अल्पसंख्यक मोर्चे की ओर से आयोजित प्रदर्शन में बड़ी संख्या में मुस्लिम शामिल हुए। कार्यकर्ताओं के हाथों में ‘पवित्र कुरान का अपमान, नहीं सहेगा हिन्दुस्तान’ और ‘कुरान का किया केजरीवाल के विधायक ने अपमान, माफी मांगों’ जैसे नारे लिखी हुई तख्तियां थीं।

भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, ‘हिंदुस्तान में हर मजहब के लोग अपनी-अपनी इबादत करते हैं और यहां सभी धर्मों का आदर होता है, लेकिन AAP के विधायक ने पवित्र कुरान शरीफ का अपमान किया, जिसके लिए कोर्ट ने सजा भी सुनाई है। स्वार्थ सिद्धि के लिए बने इंडी गठबंधन का एक भी नेता आज इस पर नहीं बोल रहा, क्योंकि इनके लिए मुस्लिम समाज केवल वोट बैंक है।’

24 जून 2016 को पंजाब के मालेरकोटला में सड़क पर कुरान के फटे हुए पन्ने बरामद हुए थे। इसके बाद वहां हिंसा भड़क गई थी। आक्रोशित भीड़ ने कई गाड़ियों को आग के हवाले कर दिया था। इस केस में आप के विधायक नरेश यादव समेत 4 लोगों को गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने शुरुआत में विजय, गौरव और किशोर पर मामला दर्ज किया था, लेकिन बाद में इस मामले में आप विधायक यादव को गिरफ्तार किया गया था। यादव को मार्च 2021 में अधीनस्थ अदालत ने बेअदबी मामले में बरी कर दिया था। इसके बाद शिकायतकर्ता मोहम्मद अशरफ ने उनको बरी करने के खिलाफ अपील दायर की थी।

अदालत ने दो अन्य लोगों (विजय कुमार और गौरव कुमार) की दो साल की सजा को बरकरार रखा। एक अन्य आरोपी नंद किशोर को अधीनस्थ अदालत द्वारा बरी कर दिया गया। नरेश यादव को भारतीय दंड संहिता की धारा 295ए (किसी भी वर्ग के धर्म या धार्मिक आस्था का अपमान करके उनकी धार्मिक भावनाओं को अपमानित करने के इरादे से जानबूझकर किया गया दुर्भावनापूर्ण कार्य), 153ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देना) और 120बी (आपराधिक साजिश) के तहत दोषी ठहराया गया।

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