विधानसभा सत्र में आर्टिकल 370 के प्रस्ताव पर जमकर हंगामा, बुरी फंसी कांग्रेस…
विधानसभा में अनुच्छेद 370 के प्रस्ताव पर कांग्रेस पशोपेश की स्थिति में है। हालांकि, जम्मू-कश्मीर से जब अनुच्छेद 370 हटाया गया था तब कांग्रेस की ओर से राज्यसभा में प्रतिपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने इसका पुरजोर विरोध किया था।
अब आजाद कांग्रेस में नहीं हैं और पार्टी सीधे तौर पर इसका विरोध नहीं करती पर यह जरूर कहती है कि अनुच्छेद 370 को गैर लोकतांत्रिक तरीके से हटाया गया। कांग्रेस इसकी वापसी की बात नहीं करती। वह इस मुद्दे से दूरी ही बनाए रखने का प्रयास करती है।
राहुल गांधी ने भी नहीं किया 370 का जिक्र
विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में 370 के मुद्दे पर कुछ नहीं कहा। चुनाव प्रचार में भी राहुल गांधी या अन्य नेताओं ने इसका जिक्र नहीं किया। वह सिर्फ जम्मू-कश्मीर को राज्य के दर्जे की बहाली की बात करती है।
भाजपा कई बार कांग्रेस पर अनुच्छेद 370 पर रवैया स्पष्ट करने की मांग कर चुकी है। कांग्रेस के कश्मीर के नेता अपनी जनसभाओं में अनुच्छेद 370 को हटाए जाने से हुए नुकसान का जिक्र करते हैं, लेकिन सरकार आने पर वापसी पर नहीं बोला जाता है।
कांग्रेस के लिए होगी अजीब स्थिति
जिस तरह से सोमवार को विधानसभा में पीडीपी विधायक ने 370 बहाल करने का प्रस्ताव लाया जिस पर भाजपा ने हंगामा किया। अभी प्रस्ताव स्पीकर के पास है। सबसे अजीब स्थिति कांग्रेस के लिए उस समय विधानसभा में होगी जब नेकां या कोई अन्य प्रस्ताव लाएगा और चर्चा, वोटिंग होगी। इस हालात से निपटने के लिए जम्मू कश्मीर कांग्रेस नेतृत्व हाईकमान से दिशा निर्देश लेगा।
कर्रा ने कुछ भी कहने से किया इंकार
प्रदेश कांग्रेस कमेटी जम्मू कश्मीर के प्रधान तारिक हमीद कर्रा ने अनुच्छेद 370 पर आने वाले प्रस्ताव का समर्थन या विरोध पर कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है। यहां पर हर एक को अपनी बात कहने का हक है।
अनुच्छेद 370 पर जिस तरह से प्रस्ताव लाया गया उस संबंध में स्पीकर फैसला करेंगे। यह सही समय नहीं था। उस पर स्पीकर जायजा लेंगे। जब प्रस्ताव आएगा तो पता चल जाएगा कि इस पर किसी की क्या राय है। मुख्य प्रवक्ता रविंद्र शर्मा का कहना है कि प्रस्ताव आने पर फैसला किया जाएगा।
पीडीपी के विधायक ने लाया था प्रस्ताव
केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर प्रदेश की पहली विधानसभा के पहल सत्र का पहला दिन उम्मीद के अनुरूप हंगामेदार रहा। पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी के विधाायक वहीद उर रहमान परा ने पांच अगस्त 2019 के केंद्र सरकार के फैसले की निंदा और जम्मू कश्मीर मे अनुच्छेद 370 की पुनर्बहाली का प्रस्ताव लाया, जिसका भाजपा ने पुरजोर विरोध किया।