उत्तराखंड में मॉनसून की विदाई से पहले भारी बारिश ने मचाई आफत

उत्तराखंड में मॉनसून की विदाई से पहले जमकर बरसात हो रही है। उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में बुधवार रात और गुरुवार सुबह भारी बारिश हुई। इससे चालीस सड़कों पर यातायात बाधित रहा। इनमें बदरीनाथ व यमुनोत्री समेत चार हाईवे भी शामिल हैं। 

नदी-नालों में उफान आ गया। कई इलाकों में पानी-बिजली का संकट पैदा हो गया। राज्य में जारी बारिश अब फसलों और सब्जियों के लिए भी खतरा साबित हो रही है। गढ़वाल मंडल में बदरीनाथ हाईवे पर कई जगह मलबा आने से ट्रैफिक प्रभावित हुआ। 

चमोली के नंदप्रयाग में तड़के 4 बजे बंद हुए बदरीनाथ हाईवे को सुचारु करने का काम देर रात तक जारी था। इसके अलावा इस रूट पर यातायात खांकरा में 13 घंटे, कमेड़ा व चटवापीपल में पांच-पांच घंटे बंद रहा। 

उधर, यमुनोत्री हाईवे भी लखवाड़ बैंड में बाधित रहा। केदारनाथ पैदल मार्ग पर मलबा आने से यात्रा करीब दो घंटे देरी से शुरू हुई। कुमाऊं मंडल में अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे क्वारब के पास पांच घंटे बंद रहा। 

15 दिनों से बंद पिथौरागढ़-टनकपुर हाईवे पर भी वाहनों का संचालन नहीं हो सका। लोनिवि के अनुसार, प्रदेश में कुल 40 मार्गों पर आवाजाही बंद है। इसके अलावा बारिश से घनसाली के बूढ़ाकेदार में धर्मगंगा उफनाई रही। गोपेश्वर क्षेत्र में गुरुवार को 15 हजार की आबादी को पानी का संकट झेलना पड़ा। यहां अतिवृष्टि के चलते पानी की लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं।

अल्मोड़ा रोड पर आफत टनकपुर ऑलवेदर बंद

कुमाऊं के मैदानी क्षेत्रों से सीमांत जनपद पिथौरागढ़ को जोड़ने वाले हल्द्वानी-अल्मोड़ा और टनकपुर-चम्पावत हाईवे गुरुवार को बंद होने से हजारों यात्रियों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।

टनकपुर-चम्पावत के बीच स्वाला के पास ऑलवेदर रोड बुरी तरह से क्षतिग्रस्त होने और लगातार मलबा गिरने से 15 दिनों से भारी वाहनों का संचालन पूरी तरह ठप पड़ा हुआ है। चम्पावत जिला प्रशासन ने खतरे को देखते हुए टनकपुर-चम्पावत के बीच 27 सितंबर, शुक्रवार को भी सभी छोटे-बड़े वाहनों का संचालन बंद रखने का निर्णय लिया है। वहीं, दूसरी तरफ क्वारब के पास मलबा आने से अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे गुरुवार सुबह भी करीब पांच घंटे बंद रहा।

धारचूला में बोल्डर गिरा, जेसीबी ऑपरेटर की मौत

धारचूला में गुरुवार को तवाघाट-सोबला मार्ग में चौड़ीकरण का कार्य चल रहा था। तवाघाट से आगे नारायणपुर के पास बंद मार्ग से मलबा हटाने के दौरान 24 वर्षीय जेसीबी ऑपरेटर होशियार सिंह पुत्र इंद्र सिंह, निवासी तोक जारा ग्राम सभा जाराजीबली तहसील बंगापानी की पहाड़ी से गिरे बोल्डर की चपेट में आने से मौत हो गई।

लंबा हुआ पहाड़ का सफर

टनकपुर-चम्पावत एनएच बंद होने से पहाड़ी क्षेत्र के यात्रियों ने मैदानी क्षेत्रों में आने के लिए वाया रीठासाहिब और देवीधुरा की राह पकड़ी। इससे उन्हें अधिक किराया चुकाना पड़ रहा है। अल्मोड़ा-हल्द्वानी हाईवे पांच घंटे तक बाधित रहा।

फसलों पर मार

प्रदेश में बारिश, धान,मक्का,गन्ने के साथ सब्जियों की फसलों पर भारी पड़ रही है। कई क्षेत्रों में धान की बालियां खेतों में बिछ गई हैं। उड़द,मंडुवा,चौलाई,राजमा आदि को भी नुकसान पहुंचा है। देहरादून के ढकरानी स्थित कृषि अनुसंधान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक एके शर्मा ने बताया, मौसम में नमी के कारण धान के पकने का समय बढ़ जाता है। 

साथ ही पानी की अधिकता से इंफेक्शन के चलते काला और कमजोर पड़ जाता है। वहीं मटर, गोभी, बैंगन, शिमला मिर्च जैसी सब्जियां गलन का शिकार हो रही हैं।

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