दिल्ली में भाजपा की चुनावी नैया कैसे होगी पार, RSS देगा अभियान को धार

देश की राजधानी दिल्ली में भाजपा के सत्ता के 26 साल के सूखे को खत्म करने के लिए अब राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) भाजपा की मदद के लिए आगे आया है। राजस्थान के रणथंभौर में होने वाली दिल्ली भाजपा की चिंतन बैठक में संघ के बड़े पदाधिकारियों के मौजूद रहने की संभावना है। दिल्ली में तमाम प्रयोगों एवं लोकसभा में भारी जीत के बावजूद भाजपा विधानसभा में ढाई दशक से मात खा रही है। अब उसके हाथ से नगर निगम भी निकल गई है।

लोकसभा चुनाव के बाद भाजपा और संघ में परस्पर समन्वय बढ़ा है। उसी का परिणाम है कि विभिन्न राज्यों में संघ और भाजपा की समन्वय बैठकों में आगामी चुनाव को लेकर रणनीतिक विचार-विमर्श और मंथन हो रहा है। दिल्ली को लेकर होने वाले चिंतन में भी संघ खासतौर पर मौजूद रहेगा। सूत्रों का कहना है कि इस बैठक में संघ के सह सरकार्यवाह अरुण कुमार के भी रहने की संभावना है, जो संघ के राजनीतिक मामलों और भाजपा के साथ समन्वय का काम देखते हैं। इसके अलावा क्षेत्र प्रचारक जतिन कुमार और प्रांत प्रचारक विशाल के भी रहने की संभावना है।

दिल्ली भाजपा ने मौजूदा राजनीतिक घटनाक्रमों को देखते हुए अपनी चिंतन बैठक राजस्थान के रणथंभौर में 28-29 सितंबर को बुलाई है। इसमें ढाई दशक की रणनीतिक कमियों के साथ आने वाली चुनौतियों से निपटने की रणनीति तैयार की जाएगी। वैसे तो संघ परोक्ष रूप से भाजपा की मदद करता ही है, लेकिन इस बार भाजपा को संघ के सहयोग की ज्यादा दरकार है।

संघ के सूत्रों के अनुसार, इस बार अगर भाजपा जमीनी हकीकत पर अभी से काम शुरू करे तो उसके लिए सफलता हासिल करना ज्यादा मुश्किल नहीं होगा। कुछ सीटों के सामाजिक समीकरण विपरीत होने के बावजूद भाजपा को कांग्रेस व आम आदमी पार्टी की कमजोरियों का लाभ लेने के साथ खुद भी सकारात्मक ढंग से दिल्ली के मतदाताओं को भरोसे में लेना होगा।

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