हाईवे पर हुए भूस्‍खलन में पांच यात्रियों की मौत के बाद एक और हादसा, पढ़ें पूरी खबर…

सोमवार को केदारनाथ हाईवे पर भूस्‍खलन में पांच तीर्थयात्रियों की मौत के बाद आज बुधवार को केदारनाथ पैदल मार्ग पर हादसा हो गया।केदारनाथ पैदल मार्ग पर भीमबली के पास पहाड़ी से विशालकाय पत्थर आ गया। जिससे पैदल मार्ग को पहुंचा नुकसान, भले की बात यह रही कि कोई जनहानि नहीं हुई।

पांच तीर्थयात्रियों की मौत

केदारनाथ हाईवे पर सोनप्रयाग और गौरीकुंड के बीच हुए भूस्खलन में मृतक तीर्थ यात्रियों की संख्या बढ़कर पांच हो गई है। इनमें तीन तीर्थयात्री मध्य प्रदेश और एक-एक गुजरात व नेपाल के रहने वाले थे।

इसके अलावा घायल हुए दो श्रद्धालुओं को गुप्तकाशी स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में उपचार के बाद मंगलवार सुबह छुट्टी दे दी गई, जबकि एक को गंभीर हालत के चलते एम्स ऋषिकेश रेफर किया गया है।

हाईवे पर शाम पांच बजे के बाद आवाजाही पर रोक

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी एनएस रजवार ने बताया कि इस घटना के बाद तीर्थ यात्रियों की सुरक्षा के दृष्टिगत हाईवे पर शाम पांच बजे के बाद आवाजाही पर रोक लगा दी गई है।

सोमवार देर शाम श्रद्धालुओं का एक दल बाबा केदार के दर्शन कर सोनप्रयाग लौट रहा था। लगभग साढ़े सात बजे यह दल गौरीकुंड से चार किमी आगे सोनप्रयाग की तरफ मुनकटिया पहुंचा, तभी वहां पहाड़ी से भूस्खलन हो गया और आठ श्रद्धालु पहाड़ी से गिरे बोल्डर व मलबे की चपेट में आ गए। सोनप्रयाग से एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस व प्रशासन की टीम तत्काल मौके पर पहुंची और रेस्क्यू शुरू किया।

उस समय घटनास्थल पर अंधेरा होने के साथ ही लगातार वर्षा होने से पहाड़ी से पत्थर गिर रहे थे। किसी तरह टीम ने चार लोगों को मलबे से निकालकर अस्पताल भिजवाया, जिसमें से एक को चिकित्सकों ने मृत घोषित कर दिया। इसके बाद विपरीत परिस्थितियों को देखते हुए रात नौ बजे रेस्क्यू रोकना पड़ा।

मंगलवार सुबह छह बजे मौसम सामान्य होने और पत्थर गिरने का क्रम थमने पर फिर से लापता श्रद्धालुओं की खोजबीन शुरू की गई। लगभग ढाई घंटे की मशक्कत के बाद एक पुरुष और तीन महिलाओं के शव मलबे में दबे मिले। शाम को रेस्क्यू पूरा होने की जानकारी दी गई, हालांकि मलबे में कोई व्यक्ति दबा न रह जाए, इस आशंका के मद्देनजर खोजबीन जारी रही। इस घटना के कारण सुबह साढ़े छह बजे तक सोनप्रयाग से गौरीकुंड के बीच आवाजाही बंद रखी गई।

गंगोत्री हाईवे बंद

उत्तरकाशी में गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर गंगनानी के पास पहाड़ी से भारी बोल्डर और मलबा गिरा है। जिससे राजमार्ग अवरुद्ध हो गया है। राजमार्ग के अवरुद्ध होने से गंगोत्री जाने और गंगोत्री से लौट रहे तीर्थयात्रियों के वाहन दोनों और फंसे हुए हैं। यह भूस्खलन करीब 50 मीटर क्षेत्र में हुआ है।

डबराणी-सोनगाड़ के बीच खतरे में गंगोत्री हाईवे

गंगोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग पर डबराणी और सोनगाड़ के बीच भागीरथी नदी की ओर से लगातार कटाव हो रहा है। यह कटाव लगातार बढ़ता जा रहा है। इस स्थान पर कभी भी हाईवे ध्वस्त हो सकता है। एक वर्ष पहले सीमा सड़क संगठन ने हाईवे की सुरक्षा के लिए जो ट्रीटमेंट किया था उसका पता नहीं चल पा रहा है। लगातार होते कटाव से हाईवे बाल कंडार मंदिर भी खतरे की जद में है।

यह हाईवे सीमांत क्षेत्र उपला टकनौर, गंगोत्री धाम और चीन सीमा को जोड़ता है। यह कटाव वर्ष 2010 से बंद पड़ी लोहारीनाग पाला परियोजना के अधूरे कार्य के कारण हो रहा है।

जिला मुख्यालय से करीब 55 किमी दूर गंगोत्री हाईवे पर डबराणी और सोनगाड़ के बीच भागीरथी नदी कटाव हो रहा है। पिछले दो वर्ष से हो रहे इस कटाव के चलते सुरक्षा के लिए लगाए वायरक्रेट क्षतिग्रस्त हो गए हैं। साथ ही गंगोत्री हाईवे का बड़ा हिस्सा भी ध्वस्त हुआ है। प्राचीन बाल कंडार मंदिर भी खतरे की जद में आया गया है। हर्षिल निवासी माधवेंद्र रावत ने कहा कि इस बार गंगोत्री हाईवे की स्थिति बेहद ही चिंताजनक है।

अगर समय रहते ठोस कदम नहीं उठाए तो हाईवे कभी भी अवरुद्ध हो सकता है। जिससे सीमांत क्षेत्र उपला टकनौर, गंगोत्री और चीन सीमा से संपर्क कट सकता है। गंगोत्री हाईवे सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है। डबराणी और सोनगाड़ के बीच हाईवे के साथ प्राचीन बाल कंडार मंदिर भी खतरे की जद में आ गया है। उन्होंने बीआरओ से आरसीसी वॉल का निर्माण करने की मांग की है।

डबराणी और सोनगाड़ के बीच जिस स्थान पर भागीरथी नदी से हाईवे पर कटाव हो रहा है, वह जल विद्युत परियोजना के निर्माण के लिए बना गए चैनल से हो रहा है। इसको रोकने के लिए भागीरथी प्रवाह को हाईवे की ओर आने से रोका जाएगा। नई तकनीकी से काम किया जाएगा। – विवेक श्रीवास्तव, कमांडर सीमा सड़क संगठन

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