रूस लंबी दूरी के हथियारों की तैनाती पर साझेदारों के साथ कर रहा बात, TASS की रिपोर्ट में हुआ खुलासा

रूस अपने साझेदारों के साथ लंबी दूरी के हथियारों की तैनाती के मुद्दे पर चर्चा कर रहा है। इसकी जानकारी बुधवार को रूस के उप विदेश मंत्री सर्गेई रयाबकोव के हवाले से सरकारी समाचार एजेंसी TASS ने दी।

रयाबकोव ने TASS को दिए एक इंटरव्यू में बताया कि एशिया और लैटिन अमेरिका दोनों में मास्को के सबसे करीबी साझेदार हैं जिनके साथ सुरक्षा स्थिति पर न केवल आकलन के आदान-प्रदान के स्तर पर, बल्कि ठोस रूप से काम किया जा रहा है।

रूस करेगा लंबी दूरी के हथियारों की तैनाती

TASS ने रयाबकोव के हवाले से कहा, इसमें कुछ भी नया नहीं है। यह मुद्दा (लंबी दूरी के हथियारों की तैनाती) हमारे कई साझेदारों के साथ उठाया जा रहा है।

रयाबकोव ने किसी देश का नाम नहीं लिया और उन्होंने कहा कि चर्चाएं उन दायित्वों के प्रति पूरे सम्मान के साथ होती हैं जो देश अंतर्राष्ट्रीय संधियों के तहत वहन कर सकते हैं, जिनमें वे संधियां भी शामिल हैं जिनमें रूस पक्ष नहीं है।

रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन बुधवार को उत्तर कोरिया पहुंचे। अमेरिका और उसके सहयोगियों ने कहा कि उन्हें डर है कि मास्को प्योंगयांग के मिसाइल और परमाणु कार्यक्रमों के लिए सहायता प्रदान कर सकता है, जो संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों द्वारा प्रतिबंधित हैं।

अमेरिका और रूस के बीच संपर्क हुआ कम- रयाबकोव

रयाबकोव ने TASS को यह भी बताया कि रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच राजनयिक संपर्क बिल्कुल न्यूनतम हो गए हैं, अब केवल दूतावास, वीजा और मानवीय मुद्दों तक ही सीमित रह गए हैं, तथा ये संपर्क और भी खराब हो सकते हैं।

TAAS ने रयाबकोव के हवाले से कहा कि अमेरिकियों के साथ हमारे संपर्क मात्रा और विषय-वस्तु दोनों के संदर्भ में बिल्कुल न्यूनतम हो गए हैं।

जहां तक ​​राजनीतिक विषयों का सवाल है…अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ सामयिक संपर्कों के अलावा और कुछ नहीं है।

रयाबकोव ने यह भी कहा है कि रूसी संपत्तियों को जब्त करने के अमेरिकी कदम के जवाब में राजनयिक संबंध और भी खराब हो सकते हैं।

रयाबकोव ने कहा कि राजनयिक संबंधों के स्तर को कम करना… साधनों के शस्त्रागार में है।

यूक्रेन में रूस के युद्ध के जवाब में, संयुक्त राज्य अमेरिका और उसके सहयोगियों ने रूस के केंद्रीय बैंक और वित्त मंत्रालय के साथ लेन-देन पर प्रतिबंध लगा दिया।

पिछले सप्ताह, सात धनी लोकतंत्रों (Seven rich democracies) के समूह ने रूस की जब्त संपत्तियों से प्राप्त राशि का उपयोग यूक्रेन को 50 अरब डॉलर का ऋण देने के लिए करने पर सहमति व्यक्त की थी।

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