डॉक्टर ने बेटे के चाहत में 15 दिन की बच्ची को उतारा मौत के घाट, तंत्र-मंत्र के चक्कर में ऐसे फंस गया पिता
यूपी के आजमगढ़ से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। जहां एक डॉक्टर ने तंत्र-मंत्र के चक्कर में अपनी ही 15 दिन की नवजात बच्ची की हत्या कर दी। पुलिस ने अब डॉक्टर समेत तीन को गिरफ्तार कर लिया है। शुक्रवार को पुलिस ने इस मामले का खुलासा किया।
ये मामला जीयनपुर कोतवाली क्षेत्र के गड़ौरा मझौरा गांव का है। डॉ. मनोज राम पवई सीएचसी में संविदा पर आंखों के डॉक्टर के पद पर कार्यरत हैं। उनकी दो बेटियां हैं। डॉक्टर की पत्नी रेनू गर्भवती थी। 15 दिन पहले उसे प्रसव होना था। पवई सीएचसी में एएनएम के पद पर तैनात संगीता ने डॉक्टर और उसकी पत्नी को बेटा पैदा होने के लिए तांत्रिक से अनुष्ठान कराने की सलाह दी।
डॉक्टर के सहमत होने पर संगीता ने अपनी बहन सरोज और उसके तांत्रिक प्रेमी सूरज कुमार उर्फ पप्पू निवासी बरईपुर के साथ मिलकर डॉक्टर से रुपये ऐंठने की साजिश रची। 17 मई को डॉक्टर मनोज की पत्नी ने बेटी को जन्म दिया। इसके बाद तांत्रिक ने दावा किया कि बच्ची को मार कर उसे बेटा बनाया जा सकता है। तांत्रिक के झांसे में आकर डॉक्टर मनोज ने 30 मई को अपनी 15 दिन की नवजात बेटी की पवई स्थित सरकारी आवास में हत्या कर दी।
डॉक्टर ने नवजात के शव को डीह बाबा के स्थान पर रख दिया। तांत्रिक सूरज बच्ची के शव को बेटा बनाने का नाटक करता रहा। इसके लिए तांत्रिक ने चांदपुर पटवध गांव से एक नौ माह का बच्चा चोरी किया और रेनू को देने पहुंचा। बड़ा बच्चा देख रेनू ने उसे लेने से इनकार कर दिया। तांत्रिक ने फिर तीन जून की रात जिला महिला अस्पताल से एक नवजात चुराई और दावा किया कि बच्ची जिंदा हो गई। रेनू को शक हुआ तो उसने बच्ची लेने से इनकार कर दिया। वहीं चोरी गए बच्चे के मामा की शिकायत पर जांच कर रही पुलिस ने एएनएम की बहन सरोज को गिरफ्तार कर जांच शुरू की तो मामले का खुलासा है। शुक्रवार को पुलिस ने तीन अन्य अरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।