दुर्गा अष्टमी पर 2 शुभ मुहूर्त में करें कन्या पूजन, जानिए पूरी विधि…

चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि आज है, जो सोमवार से प्रारंभ हो चुकी है। नवरात्रि का पर्व माँ शक्तिस्वरूपणी देवी दुर्गा जी को समर्पित है। अष्टमी तिथि के दिन कई लोग हवन पूजन और कन्या पूजन करते हैं। मान्यता है बिना कन्या पूजा के नवरात्रि की पूजा या व्रत पूर्ण नहीं माना जाता है। आइए जानते हैं आज दुर्गा अष्टमी के दिन कन्या पूजन के शुभ मुहूर्त, महत्व और विधि-

अष्टमी-नवमी तिथि

स्वामी पूर्णानंद पुरी ने बताया कि नवरात्रि पारण एवं कन्याभोज में लोगों की परम्परा के अनुसार, अष्टमी या नवमी पूजने का विधान है। ऐसे में इस बार अष्टमी तिथि सोमवार से प्रारंभ होकर 16 अप्रैल मंगलवार को दोपहर 01:23 मिनट तक रहेगी। इसलिए उदया तिथि अष्टमी होने के कारण, जो लोग अष्टमी पूजन करना चाहें वह मंगलवार को कर सकते हैं। वहीं, नवमी तिथि मंगलवार दोपहर 01:23 मिनट से प्रारंभ होकर 17 अप्रैल बुधवार को दोपहर 03:14 मिनट तक रहेगी। 

कन्या पूजन का मुहूर्त पहला

शुभ मुहूर्त- सुबह 7 बजकर 50 मिनट- सुबह 10 बजकर 41 मिनट तक
दूसरा शुभ मुहूर्त (अभिजीत मुहूर्त)- सुबह 11 बजकर 56 मिनट- दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक 

कन्या पूजन विधि

1- कोशिश करें कन्याओं को 1 दिन पहले ही आमंत्रित करें
2- सभी कन्याओं के पांव को साफ जल, दूध और पुष्प मिश्रित पानी से धोएं
3- फिर कन्याओं के पैर छूकर आशीर्वाद लें
4- आप सभी कन्याओं को लाल चंदन या कुमकुम का तिलक लगाएं
5- श्रद्धा अनुसार कन्याओं को चुनरी भी उढ़ा सकते हैं
6- अब कन्याओं को भोजन कराएं
7- दक्षिण या उपहार देकर सभी कन्याओं के पांव छूकर आशीर्वाद लें
8- माता रानी का ध्यान कर क्षमा प्रार्थना करें

कन्या पूजन महत्व 

नवरात्रि की पूजा बिना कन्या पूजन के अधूरी मानी जाती है। नवरात्रि के 9 दिन में किसी भी दिन कन्या पूजन की जा सकती है। वहीं, अष्टमी और नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन करना बेहद शुभ माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, 10 वर्ष तक की कन्याओं की पूजा करना अति पुण्यदायक माना जाता है। कन्याओं के साथ एक बालक की भैरों बाबा के रूप में भी पूजा की जाती है। 9 कन्याओं और एक बालक की पूजा करना शुभ माना जाता है।

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