बिहार: विवाह भवनों पर लगाना होगा ध्वनि मापक यंत्र, सीज फायर भी होगा अनिवार्य

जिला प्रशासन के निर्देश पर नगर निगम ने शहर में कुकुरमुत्ते की तरह फैल रहे विवाह भवनों से आमलोगों को होने वाली परेशानियों का संज्ञान लेते हुए उनके लिए कई कई दिशा-निर्देश तय किए हैं। इनमें विवाह भवनों के पास ध्वनि मापक यंत्र, अग्निशमन यंत्र , ट्रेड लाइसेंस आदि का होना अनिवार्य किया गया है।

इस संबंध में नगर निगम तहसीलदारों व वार्ड प्रभारियों से हर वार्ड में स्थित विवाह भवनों का सर्वे करा रहा है। उसके तहत वार्ड वार विवाह भवनों की सूची तैयार की जा रही है। इस संबंध में सिटी मैनेजर विनय यादव ने बताया कि वार्ड स्तर पर विवाह भवनों के सर्वे से निबंधित और गैर निबंधित विवाह भवनों का आंकड़ा भी प्राप्त होगा। यह रिपोर्ट दो दिनों में मांगी गई है।

डीजे की आवाज से लोग परेशान

जानकारी के अनुसार, शहरी क्षेत्र में घनी आबादी के बीच विवाह भवन होने से वहां के लोगों की रातों की नींद छीन गई है। डीजे की धुन और शोरगुल से वे परेशान हो रहे हैं। डीजे की तेज आवाज खासकर हृदय रोगियों के लिए घातक बन रही है। अब ऐसे विवाह भवनों पर प्रशासन का शिकंजा कसेगा। इसके लिए जिला प्रशासन ने नगर निगम को नकेल कसने के साथ कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य

नये मानदंडों के अनुसार, अब विवाह भवन संचालन के लिए निगम से ट्रेड लाइसेंस लेना अनिवार्य है। सर्वे के दौरान इन भवनों के पास ट्रेड लाइसेंस होने या न होने की भी पड़ताल की जाएगी। नगर निगम से अब तक 45 विवाह भवनों के प्रबंधकों ने ही ऐसे लाइसेंस लिये हैं। जबकि शहर में 150 से अधिक छोटे-बड़े विवाह भवन हैं।

इनमें से कई विवाह घनी आबादी वाले बीच मोहल्ले में चल रहे हैं। अब इसके संचालकों को ध्वनि मापक यंत्र भी लगाना अनिवार्य होगा। जिससे डीजे की तेज आवाज रिकार्ड कर रखी जा सके। इसके साथ आयोजन स्थल पर कपड़े से तैयार पंडाल व टेंट में आग लगने की आशंका को देखते उस पर तत्काल काबू पाने के लिए अग्नि शमन यंत्र भी वहां रखना अनिवार्य किया गया है।

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