दिल्ली पुलिस ने फर्जी कॉल सेंटर का किया भंडाफोड़, दो लोग हुए गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस ने एक फर्जी कॉल सेंटर का भंडाफोड़ किया है। क्राइम ब्रांच ने दक्षिण पूर्वी दिल्ली में तकनीकी सेवाएं देने के बहाने अमेरिकी नागरिकों को धोखा देने वाले दो लोगों को गिरफ्तार किया है। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, दोनों आरोपियों की पहचान नोएडा निवासी प्रकाश विश्वकर्मा (42) और दिल्ली निवासी बरकतुल्लाह खान के रूप में हुई है। इस संबंध में भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 419/420/120बी/34, 66डी आईटी अधिनियम और 20/20ए/21 भारतीय टेलीग्राफ अधिनियम के तहत मामला दर्ज करके जांच शुरू कर दी है।

सात मार्च को साइबर पुलिस स्टेशन एक को गुप्त सूचना मिली कि बदरपुर थाना क्षेत्र में एक फर्जी इंटरनेशनल कॉल सेंटर संचालित किया जा रहा है, जहां तकनीकी सेवाएं प्रदान करने के नाम पर अमेरिकी नागरिकों से ठगी की जा रही है। इस जानकारी के आधार पर, इंस्पेक्टर कुलदीप, साइबर पुलिस स्टेशन के एसएचओ के नेतृत्व में एक टीम ने मोहन कोऑपरेटिव इंडस्ट्रियल एस्टेट मथुरा रोड, नई दिल्ली में छापेमारी की। यहां प्रकाश विश्वकर्मा नाम का एक व्यक्ति कॉल सेंटर चलाते हुए मिला।

विश्वकर्मा के अलावा, 36 अन्य व्यक्ति (दो महिलाओं सहित) इस कॉल सेंटर में टेलीकॉलर के रूप में काम कर रहे थे। इन्हें खुद को दिग्गज कंपनी Waredot.com का कर्मचारी बताकर अमेरिकी नागरिकों की कॉल अटेंड करने का काम सौंपा गया था। ये तकनीकी सहायता देने के बहाने पीड़ितों से मोटी रकम वसूलते थे।

एक पुलिस अधिकारी ने बताया, पूछताछ में पता चला कि आरोपियों ने गूगल ऐड ऑप्टीमाइजेशन की मदद से अमेरिकी रीजन में एक एड चलाया जिसमें गीक सपोर्ट, टेक सपोर्ट और माइक्रोसॉफ्ट सपोर्ट आदि जैसे कीवर्ड का उपयोग किया गया। जब भी कोई शख्स गूगल पर टेक्निकल सपोर्ट सर्च करता तो स्पॉन्सर्ड लिंक के तौर पर आरोपियों का एड सबसे पहले दिखता। इस लिंक पर क्लिक करते ही पीड़ित waredot.com की वेबसाइट पर पहुंच जाते और यहां उन्हें आरोपियों का नंबर मिलता। नंबर पर क्लिक करते ही फोन कॉल सेंटर पहुंच जाता जहां टेलीकॉलर खुद को अमेरिकी कंपनी के कर्मचारी/सॉफ्टवेयर इंजीनियर के तौर पर बताता। 

तो आरोपी व्यक्तियों के विज्ञापन स्क्रीन के शीर्ष पर पॉप अप हो जाते हैं। एक प्रायोजित लिंक के रूप में। इस लिंक पर क्लिक करके, पीड़िता आरोपी व्यक्तियों के संपर्क नंबर के साथ वेयरडॉट.कॉम नाम की एक वेबसाइट पर पहुंची। उस नंबर पर क्लिक करने पर इनबाउंड कॉल को आरोपी व्यक्तियों के कॉल सेंटर पर निर्देशित किया गया, जहां टेलीकॉलर ने पहली बार खुद को अमेरिका में स्थित Waredot.com कंपनी के कॉल सेंटर से एक कर्मचारी/सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में प्रस्तुत करते हुए इनबाउंड कॉल में भाग लिया।

कॉल करने वाले को तकनीकी मदद देने के लिए मनाने और पीड़ित का विश्वास हासिल करने के बाद, वे पैसे को दीपांकर जना नाम के एक सहयोगी द्वारा मैनेज किए जा रहे यूएस-बेस्ड बैंक खाते में स्थानांतरित करवा लेते थे। जैसे ही इस खाते में पैसे ट्रांसफर होते, इसके बाद वे पीड़ितों को न तो कई तकनीकी सहायता देते और न ही उनके कॉल रिसीव करते। आरोपियों ने बताया कि ठगी का पैसा शुरू में यूएस बैंक खाते में जाता फिर उसे आरोपियों के भारतीय बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया जाता था। अधिकारियों ने बताया कि दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और मामले में 38 टेलीकॉलर्स को हिरासत में लिया गया है।

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