सीएम केजरीवाल को माफीनामा लिखने का समय, SC ने कही यह बात…

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ दायर मानहानि केस में ट्रायल पर स्टे को सुप्रीम कोर्ट ने एक बार बढ़ा दिया है। शिकायतकर्ता की ओर से यह कहे जाने पर कि वह आम आदमी पार्टी के प्रमुख की तरफ से सार्वजनिक माफी मांगने पर विचार करने को तैयार है, कोर्ट ने दो महीने के लिए स्टे को बढ़ा दिया। केजरीवाल के खिलाफ मानहानि की यह शिकायत यूट्यूबर ध्रुव राठी के एक वीडियो को रीट्वीट करने की वजह से की गई थी, जिसमें भाजपा आईटी सेल को लेकर कई आरोप लगाए गए थे। 

केजरीवाल को माफीनामा लिखने के लिए समय देते हुए जस्टिस संजीव खन्ना और दीपांकर दत्ता की बेंच ने कहा, ‘यदि आप माफी मांगना चाहते हैं, आप बिना अधिकारों और तर्कों को प्रभावित किए बिना ऐसा कर सकते हैं। या यदि आप चाहते हैं कि आपकी अपील को सुने तो हम कानूनी मुद्दे पर विचार को तैयार हैं कि रीट्वीट करना आपराधिक मानहानि है या नहीं।’ मामले की अगली सुनवाई 13 मई को शुरू होने वाले सप्ताह में होगी। तब तक के लिए सर्वोच्च अदालत ने ट्रायल कोर्ट में सुनवाई पर रोक लगा दी। 

देश की सबसे बड़ी अदालत दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी। केजरीवाल ने 5 फरवरी के दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश को चुनौती दी है। विकास संकृत्यायन की शिकायत पर एक अदालत की ओर से जारी किए गए समन को खारिज कराने के लिए केजरीवाल ने हाई कोर्ट का रुख किया था। हाई कोर्ट ने केजरीवाल को ट्रायल का सामना करने को कहा और उन्हें याद दिलाया कि वह एक पब्लिक फिगर हैं और उनके रीट्वीट का प्रभाव है। 

26 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट में केजरीवाल की ओर से पेश हुए वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने स्वीकार किया कि वीडियो रीट्वीट करना एक गलती थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने शिकायतकर्ता के वकील से पूछा था कि क्या वह माफीनामा स्वीकार करके मामले को खत्म करना चाहेंगे। सोमवार को शिकायतकर्ता की ओर से दलीलें रखते हुए वकील राघव अवस्थी ने कोर्ट को बताया कि उनके मुवक्किल मुख्यमंत्री की ओर से सार्वजनिक रूप से माफी चाहते हैं। सिंघवी ने कोर्ट से कहा कि शिकायतकर्ता को यह भी बताना चाहिए कि क्यों उन्होंने पहले केस वापस ले लिया था और फिर एक साल बाद इसे दोबारा किया। 

बेंच ने सिंघवी से कहा, ‘हम उस पहलू पर नहीं जा रहे हैं। आप अपने माफीनामे में क्या कहना चाहते हैं, हम उसे दूसरे पक्ष को बताएंगे। यदि वह स्वीकार करते हैं तो ठीक है। आप अपने शब्दों का चयन कर सकते हैं।’ पिछली सुनवाई पर सिंघवी ने यह भी आरोप लगाया था कि आगामी चुनाव की वजह से ट्रायल में तेजी लाई गई है। हालांकि, अवस्थी ने इस बात से इनकार किया कि उनके क्लाइंट कोई राजनीतिक उद्देश्य से ऐसा कर रहे हैं। 

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