उत्तराखंड में उज्ज्वला योजना में फर्जीवाड़ा आया सामने, जानिए पूरा मामला…

केंद्र सरकार की ओर से चलाई जा रही उज्ज्वला योजना में फर्जीवाड़ा सामने आया है। ऐसे लोगों ने भी गलत दस्तावेज लगाकर मुफ्त कनेक्शन, सिलेंडर ले लिए और अब सब्सिडी का लाभ पा रहे हैं, जिनके पास दोपहिया, चार पहिया वाहन हैं। जबकि ऐसे लोग योजना के लिए पात्र नहीं हैं।

आपूर्ति विभाग द्वारा कराई जा रही ई-केवाईसी में इसका खुलासा हो रहा है। हरिद्वार जिले में करीब सवा लाख कनेक्शनों की जांच हो रही है। ई-केवाईसी और जांच के बाद जो परिवार अपात्र पाए जा रहे हैं, उनका कनेक्शन रद्द कर सब्सिडी बंद की जाएगी।

अब तक एक हजार उपभोक्ता ऐसे पकड़ में आए हैं जिन्होंने फर्जीवाड़ा कर योजना का लाभ लिया।
उत्तराखंड में 4.5 लाख कनेक्शन भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के अफसरों के मुताबिक प्रदेश में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के तहत करीब 4.5 लाख कनेक्शन हैं।

एक सिलेंडर पर सरकार 300 रुपये की सब्सिडी दे रही है। सामान्य लोगों को घरेलू गैस सिलेंडर 922 रुपये में मिल रहा है। अब सरकार सभी गैस एजेंसियों पर उज्ज्वला योजना के उपभोक्ताओं की ई-केवाईसी और जांच करा रही है। यह ई केवाईसी तीन साल बाद कराई जा रही है।

2016 में शुरू हुई थी योजना केंद्र सरकार ने वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी। हरिद्वार में ही उज्ज्वला योजना के 113431 गैस कनेक्शन हैं। इन उपभोक्ताओं को सरकार गैस सिलेंडर पर सब्सिडी जारी करती है, ताकि पात्र उपभोक्ताओं को सुविधा मिल सके।

कई लोगों की हो चुकी मौत पुष्पक गैस एजेंसी के प्रबंधक राकेश सिंह के मुताबिक कई उपभोक्ताओं की मृत्यु हो चुकी है। इसके बाद भी कनेक्शन से गैस सप्लाई और सब्सिडी जारी हो रही है। पात्र उपभोक्ताओं का पता लगाने के लिए उपभोक्ताओं की जांच और ई केवाईसी की जा रही है।

डिलीवरी ब्वॉय भी कर रहे ई-केवाईसी

दीपिका गैस एजेंसी के प्रबंधक विपिन शर्मा के मुताबिक तीन साल बाद उपभोक्ताओं की ई केवाईसी कराई जा रही है। डिलीवरी ब्वॉय को मोबाइल एप के माध्यम से ई केवाईसी की ट्रेनिंग दी गई है, जिसके बाद कार्य शुरू कर दिया है।

उज्ज्वला योजना में जिले में 113431 कनेक्शन हैं। योजना में उपभोक्ताओं को सब्सिडी पाकर सिलेंडर 622 रुपये का मिलता है। हरिद्वार में हर माह करीब साढ़े तीन करोड़ रुपये सब्सिडी दे रही हैं। ई-केवाईसी जारी हैं, अपात्रों के कनेक्शन रद्द होंगे। 
तेज बल सिंह, जिला खाद्य पूर्ति अधिकारी

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