छत्तीसगढ़: भूपेश सरकार में मंत्री रहे जयसिंह ने PM को लिखा पत्र, जानिए पूरा मामला
छत्तीसगढ़ की पूर्ववर्ती भूपेश बघेल सरकार में राजस्व मंत्री रहे जयसिंह अग्रवाल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर प्रदेश में राख परिवहन में भ्रष्टाचार होने का दावा किया है।
विधानसभा चुनाव परिणाम के बाद हार के लिए सीधे तौर पर तत्कालीन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को जिम्मेदार बताने वाले जयसिंह ने मोदी को पत्र लिखकर भारत एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (बालको) पावर प्लांट में राख परिवहन का काम कर रही ब्लैकस्मिथ कंपनी के द्वारा किए गए कथित भ्रष्टाचार की जांच की मांग की है।
कंपनी एनजीटी के निर्देशों की कर रही थी अवहेलना
पत्र में जयसिंह ने लिखा कि मंत्री रहते हुए उन्होंने इस कंपनी की जांच के लिए कई बार निर्देश दिए, लेकिन कुछ प्रभावशाली लोगों को द्वारा इसे संरक्षण दिए जाने के कारण किसी भी स्तर पर कोई भी जांच नहीं की गई।
उन्होंने इस कंपनी पर नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) के निर्देशों की अवहेलना करने का आरोप लगाते हुए कहा है कि कंपनी किसके संरक्षण में मनमानी कर रही थी, इसकी जांच की जाए।
पत्र में कांग्रेस सरकार के लोगों को घेरने का किया काम
कहा जा रहा है कि अग्रवाल ने इस पत्र के माध्यम से कांग्रेसी सरकार के कुछ प्रमुख लोगों को घेरने का काम किया है। पीएम को लिखे पत्र में उन्होंने ब्लैकस्मिथ कंपनी को ‘पिछले पांच वर्ष’ में मिले 200 करोड़ के राख परिवहन ठेके पर भी प्रश्नचिह्न खड़ा किया है। कंपनी के द्वारा आबादी क्षेत्र में राख डंप किए जाने से कोरबा सहित आसपास के क्षेत्रों में हो रहे प्रदूषण की बात को उन्होंने प्रमुखता से उठाया है।
अग्रवाल ने कहा है कि वेदांत रिसोर्सेज की बालको से प्रतिदिन 15 हजार टन की दर से प्रतिवर्ष 55 लाख टन राख का उत्सर्जन हो रहा है। ब्लैकस्मिथ कंपनी ने वर्ष 2021 से 2023 तक एक लाख 20 हजार टन से अधिक राख का परिवहन किया गया। इसके एवज में करीब 200 करोड़ रुपये का भुगतान किया गया है।
कोरबा सहित आसपास के क्षेत्र दूषित
कंपनी ने परिवहन भाड़ा बचाने के लिए निर्धारित लो- लाइन एरिया की जगह, सड़क मार्ग से खुले डंपरों के माध्यम से परिवहन कर आसपास के क्षेत्रों, जंगलों या फिर सुनसान क्षेत्र में सड़क किनारे कहीं पर भी राख को डंप कर दिया। इस कारण कोरबा सहित आसपास का पूरा क्षेत्र प्रदूषित हो गया है। लोगों के स्वास्थ्य पर भी इसका विपरीत प्रभाव पड़ रहा है।
परदे के पीछे काम कर रही प्रभावशील ताकत
दैनिक जागरण के सहयोगी प्रकाशन नईदुनिया से बात करते हुए पूर्व राजस्व मंत्री अग्रवाल ने कहा कि एनजीटी के नियमों का पालन कराने की प्रमुख जवाबदारी बालको प्रबंधन की है, परंतु खुली छूट दिए जाने की वजह से क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। कई बार शिकायत करने के बाद भी कंपनी के खिलाफ कोई प्रभावशाली कार्रवाई क्यों नहीं हुई?