छत्तीसगढ़ में 32 लाख रुपये के इनामी 4 नक्सलियों ने किया सरेंडर, एक दंपति भी शामिल
छत्तीसगढ़ के नारायणपुर जिले में बुधवार को चार नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया। ये लोग नक्सली हिंसा की 40 से अधिक घटनाओं में शामिल थे और इन पर कुल 32 लाख रुपये का इनाम घोषित था। नारायणपुर के एसपी प्रभात कुमार ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में एक दंपति भी शामिल है।
नक्सलियों ने सीनियर पुलिस अधिकारियों के सामने सरेंडर किया और कहा कि वे खोखली और अमानवीय माओवादी विचारधारा तथा शीर्ष नक्सलियों द्वारा निर्दोष आदिवासियों के शोषण से निराश हैं। सरेंडर करने वाले नक्सलियों ने कहा कि वे जिला पुलिस द्वारा शुरू किए गए ‘निया नार निया पुलिस’ (हमारा गांव, हमारी पुलिस) आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास अभियान से भी प्रभावित थे। इन चार नक्सलियों में से गांधी ताती उर्फ अरब उर्फ कमलेश और मैनू उर्फ हेमलाल कोर्राम माओवादियों की डिवीजनल कमेटी के सदस्य थे।
एसपी कुमार ने बताया कि पड़ोसी बीजापुर जिले का निवासी कमलेश नक्सलियों के ‘माड डिवीजन’ और ‘नेलनार एरिया कमेटी’ में विभिन्न पदों पर काम कर चुका था और उसने आठ वर्षों तक नारायणपुर के नेलनार क्षेत्र के 50 से अधिक गांवों में आतंक फैला रखा था। उन्होंने बताया कि कमलेश 2010 में तत्कालीन दंतेवाड़ा जिले (अब सुकमा में स्थित) में हुए ताड़मेटला नरसंहार में कथित रूप से शामिल था, जिसमें 76 सुरक्षाकर्मियों की जान चली गई थी।
अधिकारी ने बताया कि हेमलाल माओवादियों की आमदई क्षेत्र समिति के सचिव के रूप में सक्रिय था और वह 2021 में बुकिंतोर आईईडी विस्फोट की घटना में कथित रूप से शामिल था जिसमें पांच जवानों की जान चली गई थी। आत्मसमर्पण करने वाले दो अन्य नक्सलियों की पहचान रंजीत लेकामी उर्फ अर्जुन और उसकी पत्नी कोसी उर्फ काजल के रूप में हुई है।
एसपी ने बताया कि चारों नक्सलियों पर आठ-आठ लाख रुपये का इनाम था और वे 40 से अधिक हिंसक घटनाओं में शामिल थे। सभी नक्सलियों को 25-25 हजार रुपये की सहायता दी गई है और सरकार की नीति के अनुसार उनका पुनर्वास किया जाएगा। पिछले साल राज्य के बस्तर क्षेत्र में 792 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया था। बस्तर क्षेत्र में नारायणपुर समेत सात जिले शामिल हैं।