उत्तराखंड आपदा से अब नहीं जाएगी किसी की जान, मौसम पूर्वानुमान से लेकर प्रबंधन के लिए बनाई योजना  

मौसम के मिजाज और पूर्वानुमान के अध्ययन से आगे बढ़कर अब भारत मौसम को नियंत्रित करने की दिशा में आगे बढ़ेगा। शुक्रवार को छठी विश्व आपदा प्रबंधन कांग्रेस के समापन समारोह में दून आए केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि भविष्य की चुनौतियों को देखते हुए अब नई दिशाओं में काम करने की जरूरत है।

उत्तराखंड में आपदाओं के सटीक पूर्वानुमान के लिए डॉप्लर राडार, ऑटोमेटिक वेदर स्टेशन आदि को बढ़ाया जाएगा। केंद्रीय मंत्री रिजिजू ने कहा कि देश में भूकंप का सटीक अर्लिवार्निंग सिस्टम तैयार करने पर काम किया जा रहा है। कोशिश की जा रही है कि भूंकप आने से 30 से 40 सेकेंड पहले तक लोगों को अलर्ट किया जा सके।

वर्तमान में विश्व में किसी भी देश के पास भूकंप की समय पूर्व जानकारी का सिस्टम विकसित नहीं हो पाया। देश में भूंकप वार्निंग सिस्टम पर तेजी से काम जारी है। अब तक पृथ्वी में 3000 मीटर की गहराई तक के स्तर पर अध्ययन किया जा रहा था। इसे छह हजार मीटर किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि आज आपदाओं की स्थिति में पूरा विश्व भारत की ओर ही उम्मीद से देखता है। मौसम के पुर्वानुमान से आगे बढ़कर अब मौसम नियंत्रण यानि वेदर फॉरकास्ट के बजाए अब वेदर मैनेजमेंट की ओर बढ़ने की जरूरत है। जिस प्रकार वर्षा और नदियों के जल को चेकडेम, नहर आदि के जरिए नियंत्रित किया जाता है।

उसी प्रकार कृत्रिम बारिश आदि उपायों को भी तलाशना होगा। रिजिजू ने कहा कि उत्तराखंड आपदा के प्रति संवेदनशील प्रदेश हैं। बादल फटना, आंधी-तूफान, भूस्खलन जैसी आपदाएं यहां होती रहती है। इसके सटीम पूर्वानुमान के लिए राज्य में संसाधनों को बढ़ाया जाएगा।

टनल हादसे के बाद पीएम ने दिए निर्देश

सिलक्यारा टनल हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता जताते हुए इसका अध्ययन करने और आपदा प्रबंधन की गति को तेज करने के उपाय तलाशने के निर्देश दिए हैं। राज्य सरकार के साथ मिलकर सशक्त सिस्टम बनाने पर विचार किया जा रहा है। आपदा की स्थिति से जल्दी से जल्दी से कैसे निपटा जाएगा, इसका ठोस सिस्टम बनाया जाएगा। आपदाओं से निपटने के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी को बढ़ाया जाएगा।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker