आर्मेनिया और ईरान के साथ मिलकर नए कॉरिडोर का निर्माण करेगा भारत, जानें क्या योजना…

आर्मेनिया को बड़े पैमाने पर हथियार बेचने वाले भारत ने अब उसे साथ लेकर एक और बड़ा प्लान तैयार किया है। भारत ने आर्मेनिया और ईरान के साथ मिलकर एक नए कॉरिडोर पर काम करने की प्लानिंग की है। इससे पाकिस्तान, तुर्की और अजरबैजान के त्रिगुट की काट की जा सकेगी। इस साल इस्लामाबाद और बाकु में कई मीटिंग्स हुई हैं, जिनमें तुर्की को साथ लेकर आगे बढ़ने की बात है। भारत ने अब ईरान के साथ आर्मेनिया तक पहुंच का प्लान बनाया है। इसी साल अप्रैल में आर्मेनिया की राजधानी येरेवन में एक मीटिंग हुई थी, जिसमें तीनों देशों के बीच आर्थिक संबंध, कॉम्युनिकेशन चैनल और जनता से जनता के संपर्क को बढ़ावा देने पर बात हुई। 

इस मीटिंग में लगातार संपर्क में रहने और इन अहम मसलों पर साथ काम करने को लेकर बात हुई। मीटिंग में इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर के इस्तेमाल पर भी बात हुई ताकि क्षेत्रीय स्तर पर कनेक्टिविटी को मजबूत किया जा सके। बीते कुछ सालों में आर्मेनिया के साथ भारत के संबंध तेजी से बेहतर हुए हैं। वहीं उसके प्रतिद्वंद्वी अजरबैजान की पाकिस्तान से निकटता है और उसे तुर्की का भी साथ मिलता है। ऐसे में आर्मेनिया भारत के और निकट आया है। भारत ने उसे हथियार भी बेचे हैं और अब डिमांड के बाद नई खेप भी भेजने की तैयारी है।

आर्मेनिया ने प्रस्ताव दिया है कि फारस की खाड़ी और काला सागर से होते हुए ईरान के रास्ते एक कॉरिडोर तैयार किया जाए। यह कॉरिडोर एनएसटीसी के समानांतर होगा, जो भारतीय कारोबारियों के रूस के रास्ते यूरोप तक से जोड़ता है। दरअसल आर्मेनिया और ईरान के बीच करीब एक सदी से अच्छे संबंध हैं। दोनों के बीच सांस्कृतिक तौर पर बेहतर रिश्ते हैं तो वहीं कारोबारी संबंध भी मजबूत हैं। 

क्यों आर्मेनिया और भारत के साथ आ रहा ईरान और पाक परेशान

ऐसे में आर्मेनिया से ईरान होते हुए भारत तक के लिए कॉरिडोर बनाना भी आसान है। हालांकि अजरबैजान से दोस्ती करने वाला पाकिस्तान उसे कुछ देने की स्थिति में नहीं है बल्कि उससे तेल आदि की सस्ती खरीद की ही फिराक में है। अजरबैजान के पास बड़ा तेल भंडार है, जिस पर पाकिस्तान की नजर है।

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