चीन ने इस देश के इलाके में तैनात किया ‘राक्षसी जहाज’, पढ़ें पूरी खबर…

दक्षिण चीन सागर में एक बार फिर से विवाद गहरा सकता है। इसकी वजह चीन के एक जहाज की तैनाती को बताया जा रहा है। फिलीपींस ने अपने विशेष समुद्री आर्थिक क्षेत्र (EEZ) में चीन के सबसे बड़े कोस्टगार्ड जहाज की तैनाती पर चिंता व्यक्त की है। इसे मछुआरों को डराने और उकसाने की कार्रवाई बताया गया है।

फिलीपींस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जोनाथन मलाया ने मंगलवार को बताया कि उन्होंने 165 मीटर लंबे चीनी कोस्टगार्ड जहाज 5901 की उपस्थिति पर विरोध दर्ज कराया है। उन्होंने इस चीनी जहाज को ‘राक्षसी जहाज’ (monster ship) करार दिया है। उन्होंने कहा कि यह जहाज जाम्बालेस प्रांत के तट से 77 समुद्री मील (142 किमी) की दूरी पर देखा गया था। मलाया ने कहा, “हम पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना द्वारा दिखाई जा रही बढ़ती आक्रामकता से हैरान हैं। यह एक बड़ा उकसावा और अवैध है।” उन्होंने इसे “अस्वीकार्य” बताते हुए जहाज को तुरंत EEZ से हटाने की मांग की।

फिलीपींस कोस्टगार्ड की जवाबी कार्रवाई

फिलीपींस कोस्टगार्ड ने चीनी जहाज को हटाने के लिए अपने दो सबसे बड़े जहाजों को तैनात किया है। वहीं, चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने सोमवार को बयान दिया कि उनके कोस्टगार्ड का “गश्त और कानून प्रवर्तन गतिविधियां” क्षेत्र में “उचित, कानूनी और निर्दोष” हैं।

राष्ट्रीय समुद्री परिषद की निंदा

फिलीपींस की राष्ट्रीय समुद्री परिषद ने सोमवार को “चीनी समुद्री बलों और मिलिशिया की अवैध मौजूदगी और गतिविधियों” की निंदा की। बयान में दो चीनी कोस्टगार्ड जहाजों और एक चीनी नौसेना हेलीकॉप्टर की पहचान की गई, जिसने फिलीपींस के कोस्टगार्ड जहाज के ऊपर उड़ान भरी। बयान में कहा गया, “इन चीनी जहाजों और विमानों की बढ़ती गतिविधियां फिलीपींस और अंतरराष्ट्रीय कानूनों का स्पष्ट उल्लंघन हैं।”

विवाद का बढ़ता तनाव

दक्षिण चीन सागर को लेकर फिलीपींस और चीन के बीच तनाव पिछले दो वर्षों में काफी बढ़ गया है। 2016 में एक अंतरराष्ट्रीय ट्राइब्यूनल ने फैसला दिया था कि इस क्षेत्र पर चीन के दावे का कोई कानूनी आधार नहीं है, जिसे बीजिंग खारिज करता है। चीन के इस विस्तृत दावे से ब्रुनेई, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस और वियतनाम के EEZ क्षेत्र प्रभावित होते हैं। दक्षिण चीन सागर वैश्विक व्यापार के लिए एक महत्वपूर्ण मार्ग है, जिससे हर साल लगभग $3 ट्रिलियन का व्यापार होता है।

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