इजरायल के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने अपने नागरिकों के लिए अलर्ट किया जारी, मिस्र और जॉर्डन से वापस बुलाया

हमास आतंकियों और इजरायली सैनिकों के चल रही जंग ने तीसरे विश्व युद्ध की आहट दे दी है। इस जंग में कई देशों के सीधे तौर पर कूदने के संकेत मिले हैं। खुफिया इनपुट के बाद दो अरब देशों मिस्र और जॉर्डन ने इजरायल की चिंता बढ़ा दी है। उसकी राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने अपने नागरिकों के लिए अलर्ट जारी किया है। एक बयान में परिषद ने एडवाइजरी जारी की कि उसके नागरिक मिस्र और जॉर्डन से तुरंत वापस आ जाएं।

हमास  7  अक्टूबर को इजरायली इलाकों में मचाए कत्लेआम का अंजाम भुगत रहा है। इजरायली सेना गाजा पट्टी में हमास के 100 से अधिक ठिकानों को बर्बाद कर चुकी है। स्थानीय रिपोर्ट है कि गाजा में 30 फीसदी हिस्से को इजरायली सेना आईडीएफ तहस-नहस कर चुकी है और हमास के 9 बड़े लीडरों का सफाया भी। गाजा में मरने वालों का आंकड़ा 3200 से ज्यादा पहुंच गया है। गाजा पट्टी पर जारी संघर्ष के बीच इजरायल ने हुंकार भरी है कि जब तक हमास का नामो-निशान नहीं मिटा देते, चैन से नहीं बैठेंगे। 

खुफिया इनपुट से इजरायल की टेंशन बढ़ी

गाजा में जारी संघर्ष से बढ़ते क्षेत्रीय तनाव के बीच, इज़रायल की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद ने एक तत्काल निर्देश जारी किया। निर्देश में उसने अपने नागरिकों से मिस्र और जॉर्डन से तुरंत प्रस्थान करने का आग्रह किया गया। दरअसल, इजरायल को खुफिया इनपुट मिले हैं कि अरब मुल्कों मिस्र और जॉर्डन में उसके नागरिकों पर हमला हो सकता है। इसी के मद्देनजर उसने ये निर्देश जारी किए हैं।

गाजा पर हमले का बदला

इज़रायल द्वारा हाल ही में लेबनानी सीमा के पास एक बड़े शहर को खाली कराने से गाजा पर संभावित जमीनी आक्रमण की चिंता बढ़ रही है। इस कदम से क्षेत्रीय अस्थिरता पैदा होने की संभावना है। इजरायल गाजा में हमास को किसी भी सूरत में बख्शने के लिए तैयार नहीं है। लेकिन, इस बीच उसे अरब मुल्कों में रह रहे अपने नागरिकों की जान का डर भी सता रहा है। इजरायल को डर है कि गाजा पर हमले से अरब देशों में रह रहे उसके नागरिकों के साथ बड़े पैमाने पर अनहोनी हो सकती है। 

हमास के खिलाफ जंग में अमेरिका और इजरायल एक

उधर, हमास के खिलाफ जंग में अमेरिका इजरायल का साथ दे रहा है। गाजा के एक अस्पताल में हुए हवाई हमले के बाद जहां तमाम मुस्लिम देशों ने इसके लिए इजरायल को जिम्मेदार ठहराया। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने घटना के अगले दिन इजरायल का दौरा किया और नेतन्याहू का साथ देते हुए इसके पीछे इस्लामिक जिहाद को जिम्मेदार ठहराया। इस हवाई हमले में कम से कम 500 लोगों की जान चली गई थी। राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा कि वह ‘हमास’ जैसे आतंकवादियों और ‘पुतिन’ जैसे तानाशाहों को जीतने नहीं दे सकते।

बाइडेन ने अपने बयान में हमास द्वारा इज़रायल के लोकतंत्र के लिए उत्पन्न संभावित खतरे को रेखांकित किया, जिसमें रूस के आक्रमण के खिलाफ यूक्रेन के प्रतिरोध का भी जिक्र था। उन्होंने कहा, “हम निर्दोष फ़िलिस्तीनियों की मानवता को नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते जो केवल शांति से रहना चाहते हैं और अवसर चाहते हैं।”

इराक और सीरिया में अमेरिकी सैनिकों पर हमले

रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारियों के मुताबिक, हाल के दिनों में इराक और सीरिया में अमेरिकी सैनिकों पर कई हमले हुए हैं। ईरान समर्थित समूहों की कार्रवाइयों के बारे में चिंताओं के कारण वाशिंगटन हाई अलर्ट पर है, खासकर इज़रायल-हमास संघर्ष के बीच क्षेत्रीय तनाव बढ़ने के कारण भी।

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