उत्तराखंड: शहरों के बाद अब हिमालयी गांवों में भी बढ़े शुगर और ब्लड प्रेशर के मरीज, जानिए वजह…

महानगरों के साथ-साथ अब पहाड़ों पर भी लोगों को शुगर और हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां होने लगी हैं। मैदानी क्षेत्रों में ज्यादा सामने आने वाली शुगर और हाई ब्लड प्रेशर जैसी स्वास्थ्य समस्याएं अब पहाड़ के दूरदराज के गांवों में रहने वाले लोगों को भी अपनी गिरफ्त में ले रही हैं। दारमा घाटी में दो दिवसीय मेडिकल कैंप में इस तरह के चौंकाने वाले आंकड़े सामने आये हैं।

पर्वतीय क्षेत्र साफ आबोहवा और जैविक खानपान के लिए स्वास्थ्य की दृष्टि से मैदानी क्षेत्रों की तुलना में बेहतर माने जाने जाते हैं। चिकित्सा विशेषज्ञ मानते रहे है कि पहाड़ के खान पान की परंपराओं के चलते यहां शुगर और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएं कम होती है, लेकिन अब धरातल पर स्थितियां तेजी से बदल रही हैं। पहाड़ के गांवों में लगने वाले मेडिकल कैंपों में आने वाले मरीजों की स्वास्थ्य रिपोर्ट कुछ और ही बयां कर रही है।

90 मरीजों में से 45 को शुगर और हाई ब्लड प्रेशर

धारचूला तहसील की दारमा घाटी सात हजार फीट से शुरू होती है। घाटी का पहला गांव दर है। घाटी के अंतर्गत आने वाले 14 गांवों में इन दिनों वायरल फैलने और स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं होने की समस्या पर दो दिवसीय मेडिकल कैंप लगाया गया। चिकित्सक डा.जीएस रावत ने मरीजों की सामान्य जांचों के साथ ही शुगर और हाई ब्लड प्रेशर की जांच भी करवाई। शिविर में 90 मरीजों के स्वास्थ्य की जांच की गई, इनमें 45 मरीजों में शुगर और हाई ब्लड प्रेशर की समस्या सामने आई। शुगर और हाई ब्लड प्रेशर से ग्रसित मरीजों को नियमित उपचार लेने और स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के सुझाव दिये।

बदल रही है लाइफस्टाइल

पहाड़ के गांवों में भी लाइफ स्टाइल तेजी से बदल रहा है। लोग फास्ट फूड, सॉफ्ट ड्रिंक जैसे अस्वास्थ्यकर भोजन लेने लगे हैं, श्रम कम हो रहा है, जिससे शुगर और हाई ब्लड प्रेशर जैसे पेशेंट सामने आ रहे हैं। बीमारियों से बचाव के लिए लोगों को फास्ट फूड, जंक फूड और सॉफ्ट ड्रिंक कल्चर से दूर रहना होगा। डा.एचएस हंयाकी, मुख्य चिकित्साधिकारी पिथौरागढ़

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