MP की शिवराज सरकार लिख रही नारी सशक्तिकरण की नई इबारत, पढ़ें पूरी खबर

मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार महिलाओं के सम्मान की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। एमपी में महिलाओं के विकास की कहानी शिवराज के प्रदेश की सत्ता में काबिज होने के साथ शुरू हुई थी। सीएम शिवराज के प्रयासों से प्रदेश की महिलाओं का सशक्तिकरण हुआ है।

एमपी में महिलाओं की सशक्तिकरण पर बात करते हुए इंदौर के महिला थाना प्रभारी प्रीति तिवारी ने कहा कि आने वाली सदी महिला सशक्तिकरण की रहेगी। देश के विकास में महिलाओं का सराहनीय योगदान रहेगा। हम सब मिलकर भारत को ऊंचाइयों पर ले जाएंगे और एक सुरक्षित वातावरण देंगे।

मजबूत नारी, मजबूत प्रदेश

सरकार लगातार महिलाओं को आर्थिक, सामाजिक एवं राजनैतिक रूप से मजबूत कर रही है। अब बेटियों के जन्म पर उत्सव और उनको बेहतर शिक्षा मिल रही है। सरकार इस बात का ख्याल रख रही है कि उनके विवाह पर किसी भी तरह की परेशानी न होना। अब प्रदेश में महिलाओं को रोजगार एवं स्वरोजगार के पूरे अवसर मिल रहे हैं। उनकी सुरक्षा का भी पूरी ख्याल रखा जा रहा है। महिलाओं के स्वास्थ्य का ध्यान रखने के लिए शानदार योजनाएं बनाई गई हैं।

बस में ड्राइवर के रूप में कार्यरत निशा शर्मा ने कहा कि महिला पहले घर से बाहर नहीं निकलती थी तो अब वे आगे आ रही हैं। आज हर क्षेत्र में महिलाएं आपको काम करती हुई मिल जाएंगी।

बढ़ाया गया जेंडर बजट

सरकार का महिला विकास मॉडल महज दिखावा नहीं है बल्कि जमीनी स्तर पर कारगर है। इसका प्रमाण देता है 2022 से 2023 का जेंडर बजट, जो कि कुल बजट का 32.7 फीसदी है। प्रदेश में गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य एवं सुरक्षा के लिए लागू की गई प्रधानमंत्री मातृ वंदन योजना, सुमन हेल्प डेस्क, जनन सुरक्षा योजना एवं आर्ट डिलीवरी सेंटर्स लागू हैं। किशोरी बालिकाओं के मानसिक और करियर संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए उमंग हेल्पलाइन का सफल संचालन किया जा रहा है।

स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत घरों में शौचालयों का निर्माण कराया गया है। इसके साथ ही 100 करोड़ रुपये के नारी सम्मान कोष की स्थापना की गई है। 2022 की नई स्टार्ट अप नीति में महिला स्टार्ट अप्स को विशेष स्थान दिया गया है।

आहार अनुदान योजना, मुख्यमंत्री कन्या विवाह योजना, जल जीवन मिशन एवं महिलाओं के हक में स्कीम्स का शुरू होना। ये प्रदेश में एक नए युग की शुरुआत है।

महिला ज्यादा से ज्यादा आगे आए इसके बारे में बताते हुए मध्य प्रदेश के महिला एवं बाल विकास आयुक्त डा राम राव भोंसले ने कहा कि किसी भी योजना में शासन के विभिन्न विभागों से यदि कोई महिला बैंक से लोन लेती है तो उसे ब्जाज में 2 फीसदी की अलग से सहायता दी जा रही है।

लाडली बहना योजना जिसके अंतर्गत 21 से 60 वर्ष की पात्र बहनों को 1000 रुपये की सहायता राशि हर माह दी जाती है। इस पैसे का उपयोग बहनें अपने और परिवार की भलाई के लिए कर रही हैं। इस राशि को फिलहाल 1250 रुपये किया गया है और आगे भी बढ़ाया जाएगा।

सामाजिक कार्यकर्ता अनीता आर्या ने कहा कि महिला के सशक्तिकरण के जरूरी है कि महिला आतंरिक रूप से ताकतवर हो तभी वह अपने फैसले ले पाएगी। पहले की महिलाएं अपने फैसले खुद नहीं ले पाती थी। महिलाएं आजकल काम कर रही हैं, अपने फैसले खुद ले रही हैं। घर से बाहर जाकर काम कर रही हैं। महिलाएं तब खुश रह सकती हैं कि जब उनके पास स्वतंत्रता का अधिकार हो।

लाडली बहना सेना में लगातार हो रहा इजाफा

प्रदेश के 60 हजार 203 गांवों और नगरीय वार्डों में लाडली बहना सेना का निर्माण किया जा चुका है। अब तक आठ लाख बहनें सेना में शामिल हो चुकी हैं। सरकार चाह रही है कि लाडली बहना सेना में 18 लाख बहनें शामिल हो। इसके साथ ही आने वाले समय में 1000 रुपये महीने की राशि को तीन हजार रुपये तक बढ़ा दिया जाएगा। इसके साथ सरकार लाडनी बेटियों के साथ ही लाडली बहनों का भविष्य भी उज्ज्वल बनाने में सफल होगी।

फैशन एडुकेटर डॉ विशाखा श्रीवास्तव ने कहा कि नारी को देवी के रूप में पूजा जाता है। ये सिर्फ पूजन तक ही सीमित न रह जाए इसके लिए उनका सशक्तिकरण जरूरी है। महिला आजकल पुरुषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर साथ चल रही हैं। अब आप किसी भी क्षेत्र को ले लें महिलाओं का योगदान पुरुषों से कम नजर नहीं आता है।

बेटियों को मामा की सौगात

प्रदेश के मामा के रूप में पहचाने जाने वाले मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान महिलाओं सशक्तिकरण को लेकर काफी गंभीर हैं। इसी दिशा में लाडली लक्ष्मी योजना का शुभारंभ 1 अप्रैल 2007 में हुआ था। आज ये लाडली लक्ष्मी बेटियों का परिवार 86 लाख बेटियों का हो गया है। योजना के अंतर्गत अब तक 366 करोड़ रुपये की स्कॉलरशिप अभी तक बेटियों को दी जा चुकी है। अब नई सुविधाओं के तहत अगर बेटी ग्रेजुएशन में जाती है तो वह 25 हजार रुपये पाने की हकदार होगी। इस प्रकार सरकार बेटियों के उज्ज्वल भविष्य का निर्माण कर रही है।

इस साल प्रदेश में ई-स्कूटी योजना की घोषणा की गई है जिसके अनुसार सरकारी स्कूलों में पढ़कर टॉप करने वाली बेटे और बेटियों का सम्मान सरकार द्वारा स्कूटी देकर किया जाएगा। इससे हर साल 9 हजार छात्र और छात्राएं लाभान्वित होंगे।

बदल रहे हालात

सरकार द्वारा करीब 32 हजार लाडली बलिकाओं की माताओं को भी स्वयं सहायता समूह का सदस्य बनाया गया है। इन समूहों में शामिल महिलाओं के परिवारों की आर्थिक स्थिति में सुधार देखने को मिल रहा है। पोषण आहार संयंत्रों का संचालन, समर्थन मूल्यों पर फसल खरीदी, यूनीफार्म निर्माण, बिजली बिल वसूली, दीदी कैफे, मास्क सैनिटाइजर निर्णाण जैसे कामों में इन स्वयं सहायता समूहों की भागीदारी है। अब तक 5 हजार 800 करोड़ रुपये का क्रेडिट लिंकेज समूहों को दिया जा चुका है। आजीविका पोर्टल के माध्यम से अब तक 700 करोड़ रुपये के उत्पाद बेचे जा चुके हैं। साथ ही प्रदेश में आजीविका एक्सप्रेस वाहनों का संचालन भी बेहतर तरीके से किया जा रहा है।

देश में मध्य प्रदेश ऐसा पहला राज्य बन चुका है जहां पर 2 करोड़ रुपये से कम आय वाले टोल टैक्स बैरियर का संचालन महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा किया जाएगा तथा आय का 30 फीसदी हिस्सा महिला स्वयं समूहों को दिया जाएगा।

महिलाओं की ओर बुरी नजर से देखने वालों की खैर नहीं

महिलाओं की सुरक्षा का भी विशेष ख्याल रखा जा रहा है। महिलाओं की सुरक्षा का ख्याल रखते हुए प्रदेश में 950 महिला मोर्चा डेस्क बनाए गए हैं और प्रदेश के हर जिले में एक महिला थाना बनाया गया है। बेटियों के साथ दुराचार करने वालों के खिलाफ फांसी का प्रावधान किया गया है। बहन और बेटियों को गलत नजर से देखने वालों के घरों पर बुलडोजर चलाए जा रहे हैं। बहला फुसलाकर और धर्म परिवर्तन को रोकने के लिए धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम भी लागू किया गया है। अब तक 50 हजार से अधिक बेटियों को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण दिया जा चुका है।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker