बदरीनाथ हाईवे पर 24 घंटे में 3 फुट तक चौड़ी दरारें, प्रशासन की बढ़ी चिंता
उत्तराखंड के चमोली जिले में बदरीनाथ हाईवे पर पर पुरसारी और मैठाणा के बीच 70 मीटर हिस्से पर गुरुवार सुबह शुरू हुआ धंसाव शुक्रवार को काफी बढ़ गया। स्थानीय लोगों का कहना है कि पिछले 24 घंटों में सड़क के कुछ हिस्से 3 फीट तक धंस गए हैं।
टाइम्स ऑफ रिपोर्ट के अनुसार, प्रभावित इलाका जोशीमठ से लगभग 50 किमी दूर है, जो काफी हद तक भूस्खलन का सामना कर रहा है। शुक्रवार को भी सड़क के दाईं ओर (पहाड़ी की ओर) यातायात जारी रहा, जबकि राष्ट्रीय राजमार्ग और इंफ्रास्ट्रेक्चर डेवलपमेंट विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) के कर्मियों ने क्षतिग्रस्त हिस्से पर मरम्मत कार्य शुरू कर दिया।
एनएचआईडीसीएल के डीजीएम शैलेन्द्र कुमार ने टीओआई को बताया कि हाईवे पर इस जगह पहले भी धंसने के मामले सामने आए हैं। मरम्मत कार्य में पांच साल पहले घाटी की तरफ सड़क के नीचे एक रिटेनिंग दीवार बनाई गई थी। ऐसा लगता है कि यह दीवार धंस गई है।
इस बरसात के मौसम में अलकनंदा नदी के जल स्तर में वृद्धि के कारण हाईवे धंस गया होगा। कुमार ने कहा कि हाइवे पर एक स्थिर हिस्से यातायात को गुजरने की अनुमति दी जा रही है, लेकिन अगर स्थिति बिगड़ती है, तो एनएचआईडीसीएल प्रशासन को राजमार्ग को यातायात की आवाजाही के लिए बंद करने के लिए लिखेगा।
चमोली जिले के यातायात निरीक्षक प्रवीण आलोक ने कहा कि हम स्थिति की समीक्षा करेंगे और खतरनाक पाए जाने पर यातायात को वैकल्पिक मार्ग चमोली-नंदप्रयाग बाईपास रोड से मोड़ दिया जाएगा। इस बीच, लोगों ने हाईवे पर पड़ीं दरारों को लेकर चिंता जाहिर की है।
जोशीमठ में भूस्खलन से प्रभावित लोगों के शीघ्र पुनर्वास के लिए आंदोलन कर रहे जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के अतुल सती ने कहा कि राजमार्ग में दरार का संभावित कारण चार धाम के लिए किए गए निर्माण कार्य हो सकते हैं।