चुनाव में बनेगा बड़ा मुद्दा, छत्तीसगढ़ शराब घोटाले में ED का होगा ACB-EOW से मुकाबला
रायपुर, प्रदेश में शराब पर सियासत तेज हो गई है। केंद्रीय जांच एजेंसी ईडी ने शराब घोटाले में अधिकारियों और कारोबारियों को गिरफ्तार किया है। ईडी कांग्रेस की वर्तमान सरकार के विरूद्ध जांच कर रही है जिसके मुकाबले राज्य सरकार ने राज्य की जांच एजेंसी एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) और आर्थिक अपराध अन्वेषण ब्यूरो (ईओडब्ल्यू) को मैदान में उतार दिया है।
ईओडब्ल्यू और एसीबी ने पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में शराब घोटाले की जांच प्रारंभ की है। यह जांच वर्ष 2008 से 2018 तक हुए शराब घोटाले को लेकर की जा रही है। उस समय प्रदेश में भाजपा की सरकार थी। वर्तमान में जो शराब नीति प्रदेश में लागू हैं, वह भाजपा सरकार के समय बनी है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल बार-बार यह कह रहे हैं कि हमने तो पूर्ववर्ती सरकार की नीतियों को ही लागू कर रखा है।
अगर शराब में घोटाला होता, तो सरकार का राजस्व कैसे बढ़ता। ईओडब्ल्यू के अधिकारियों ने बताया कि वर्ष 2008 से 2018 तक जिलों में पदस्थ जिला आबकारी अधिकारी, सहायक जिला आबकारी अधिकारी और डिस्टलरी के अधिकारियों से पूछताछ शुरू की गई है। पूछा जा रहा है कि दस साल में शराब दुकान तक शराब पहुंचाने में क्या कोई गड़बड़ी हुई। किसी प्रकार की शिकायत प्राप्त हुई थी। अगर शिकायत मिली, तो उस पर क्या कार्रवाई की गई।
आबकारी के गोदाम में पदस्थ अधिकारियों को भी पूछताछ के लिए तलब किया गया है। इन अधिकारियों से होलोग्राम, गोदाम तक शराब आने की प्रक्रिया और गोदाम से दुकान तक शराब सप्लाई की प्रक्रिया के बारे में पूछताछ की जा रही है। पिछले दो दिन से चल रही जांच में एक दर्जन से ज्यादा अधिकारियों से पूछताछ हुई है। कुछ रिटायर्ड अधिकारी भी बयान देने पहुंचे थे। इससे पहले छत्तीसगढ़ शराब घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग के मामले में ईडी ने विशेष अदालत में 13 हजार पन्नों का आरोपपत्र दाखिल किया है।
ईडी के अनुसार सभी आरोपित एक सिंडिकेट चला रहे थे। इनकी भ्रष्ट गतिविधियों से 2019-23 के बीच सरकारी खजाने को नुकसान हुआ। ईडी का आरोप है कि प्रदेश में दो हजार करोड़ का घोटाला हुआ है। ईडी ने शराब घोटाले में छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम लिमिटेड (सीएसएमसीएल) के प्रबंध निदेशक अरुणपति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर, त्रिलोक सिंह ढिल्लन, नितेश पुरोहित और अरविंद सिंह को गिरफ्तार किया है। इस मामले में अब तक सिर्फ अनवर ढेबर को दो दिन पहले ही जमानत मिली है। इधर, कार्रवाई तेज होते ही जैसे जैसे अधिकारी घेरे में आ रहे हैं। वहीं नेताओं की भी धड़कने बढ़ रही है। क्योंकि जांच रिपोर्ट पेश होते ही उसमें उनके नाम आने की भी संभावना है।
चुनाव से पहले शराब घोटाला बनेगा बड़ा मुद्दा
प्रदेश में तीन महीने बाद विधानसभा चुनाव है। ऐसे में चुनाव से पहले शराब घोटाला बड़ा मुद्दा बनेगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी अपनी पहली चुनावी सभा में राजधानी रायपुर में शराब घोटाले का जिक्र करते हुए राज्य सरकार को घेरा था। पीएम के बयान के बाद ही राज्य सरकार की जांच एजेंसी ईओडब्ल्यू-एसीबी सक्रिय हुई है। चर्चा है कि कांग्रेस भाजपा को ऐसे ही घेरेगी।