बच्चों में तेजी से बढ़ रहा Conjunctivitis संक्रमण, जानिए लक्षण और बचाव के तरीके

कानपुर : मौसम में हो रहे बदलाव के चलते आंखों में वायरल संक्रमण Conjunctivitis (Pink Eye) का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। सोमवार को एलएलआर और उर्सला अस्पताल की ओपीडी में करीब 350 मरीज कंजक्टिवाइटिस की समस्या लेकर पहुंचे। इसमें आधे से ज्यादा संख्या बच्चों की रही।

नेत्र रोग विशेषज्ञों ने मरीजों की जांच कर उन्हें कम से कम घर से बाहर निकलने की सलाह दी है। जीएसवीएम मेडिकल कालेज की नेत्ररोग विभागाध्यक्ष प्रो. शालिनी मोहन ने बताया कि पिंक आइ से पलकों के अंदर लालिमा और सूजन आ जाती है। ओपीडी में इस लक्षण के साथ आने वाले मरीजों में सबसे ज्यादा संख्या बच्चों की है।

उन्होंने बताया कि यह संक्रामक रोग है। ऐसे में स्कूल में पिंक आइ संक्रमित बच्चे से दूसरे बच्चों में इसका तेजी से प्रसार होने की आशंका रहती है।

लिहाजा संक्रमित बच्चों को स्कूल नहीं भेजा जाना चाहिए। इससे ग्रसित मरीजों को ठीक होने में एक से डेढ़ सप्ताह का समय लगता है। उन्होंने बताया कि संक्रमण के लक्षण सामने आएं तो फौरन चिकित्सक को दिखाएं और काला चश्मा पहनें। स्वच्छता अपनाएं।

Conjunctivitis को लेकर स्कूलों में की गई अपील

बच्चे को है संक्रमण तो न भेजें स्कूल सीबीएसई के जिला समन्वयक बलविंदर सिंह ने बताया कि स्कूली बच्चों में कंजेक्टिवाइटिस के लक्षण दिखते हैं तो उन्हें स्कूल न भेजें। स्टाफ गृहकार्य आनलाइन माध्यम से भेज देगा। इस बारे में स्कूल प्रबंधन अभिभावकों को संदेश भेजकर सावधान कर रहे हैं।

कानपुर स्कूल्स वेलफेयर एसोसिएशन के महामंत्री केके दुबे ने बताया कि स्कूलों में शिविर लगाकर एलर्जी से बचाव के लिए दवा का निश्शुल्क वितरण कराया जा रहा है।

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