जाम पर नैनीताल HC सख्त निर्देश, दो हफ्ते में सुधारें ट्रैफिक…

हाईकोर्ट ने नैनीताल में ट्रैफिक जाम की समस्या पर गंभीर टिप्पणी करते हुए शहर में 81 वर्ष पुराने पैडल रिक्शा का संचालन बंद करने के आदेश दिए हैं। कोर्ट ने कहा कि नैनीताल में व्यवस्थाओं का मजाक नहीं बनाया जा सकता। सरकार दो हफ्ते में पैडल रिक्शा हटाकर यहां कम से कम 50 ई-रिक्शा की व्यवस्था करे। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने गुरुवार को सुनवाई करते हुए महत्वपूर्ण दिशा निर्देश दिए।

हाईकोर्ट ने पैडल रिक्शा को माल रोड पर ट्रैफिक बाधित होने का एक प्रमुख कारण माना है। नगर पालिका की ओर से कोर्ट को बताया गया कि माल रोड पर 60 पैडल रिक्शा व 11 ई-रिक्शा का संचालन होता है। कोर्ट ने कालाढूंगी व हल्द्वानी से नैनीताल तक लग्जरी बस सेवाओं के संचालन पर भी सरकार को विचार करने को कहा, ताकि लोग सुविधाजनक तरीके से बिना निजी वाहन के सार्वजनिक परिवहन से नैनीताल पहुंच सकें। कोर्ट ने माल रोड पर दुकानों के बाहर निकले छज्जे तोड़ने, पब्लिक स्कूलों के खुलने-बंद होने का समय निर्धारित करने के निर्देश भी दिए। इस मामले में अधिवक्ता प्रभा नैथानी ने मुख्य न्यायाधीश को पत्र लिखा था। इस पर हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया। मामले पर अगली सुनवाई अगस्त के पहले सप्ताह में होगी।

हाईकोर्ट के निर्देश

● सड़क किनारे खड़े वाहन हटाएं, नो पार्किंग जोन तय करें 
● पुलिस रिकवरी वैन बढ़ाएं 
● माल रोड पर दुकानों के बाहर निकले छज्जे तोड़ें 
● पब्लिक स्कूलों के एक साथ खुलने-बंद होने का समय तय करें 
● सुबह आठ से शाम आठ बजे तक यातायात मॉनीटर करें 
● हल्द्वानी और कालाढूंगी से पर्यटकों के लिए छोटी लग्जरी बस सेवा शुरू करें।

जाम के कारण

1. पार्किंग की कमी
2. सड़क किनारे कब्जे
3. सार्वजनिक परिवहन की कमी
4. संकरी सड़कें
5. वीवीआईपी का आवागमन

नैनीताल का जीवन सिर्फ 20 साल शेष बचा 

नैनीताल निवासी प्रसिद्ध पर्यावरणविद प्रो. अजय रावत के बताय कि उनकी ओर से दायर की गई रिट संख्या 694 ऑफ 1993 एवं 1995 में कोर्ट के यह स्पष्ट निर्देश थे कि नैनीताल की मालरोड में भारी वाहन प्रतिबंधित रहेंगे। लेकिन आज कोर्ट के किसी भी निर्णय का पालन नहीं किया जा रहा। कोर्ट ने यह भी कहा था कि नैनीताल में भारी निर्माण, बहुमंजिला इमारतें 27 फीट से ऊंची न हों। यूपी के एडवोकेट जनरल अशोक श्रीवास्तव के सर्वे में यह तथ्य सामने आया था कि पर्वतीय क्षेत्रों में वीआईपी कल्चर गलत है। यातायात रोकने से जाम समेत अन्य समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यही हालात रहे तो शहर का जीवन मात्र 20 वर्ष रह जाएगा।

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