श्रीलंका के बाद इस देश पर आर्थिक संकट का मंडराया खतरा, जानिए…

सालों से उभरती अर्थव्यवस्था वाले देशों में शामिल बांग्लादेश अब आर्थिक संकट का सामना करता नजर आ रहा है। हालात इस कदर बिगड़ चुके हैं कि देश का सबसे बड़े पावर प्लांट को सोमवार को बंद करने की नौबत आ गई। यह स्थिति ऐसे समय पर हुई है, जब जनता भीषण गर्मी और लू के बीच घर में राहत तलाश रही है। इतना ही नहीं बांग्लादेश विदेशी एयरलाइन्स को कार्गो और यात्री विमानों तक का भुगतान नहीं कर पा रही है। सवाल है कि यह स्थिति कैसे बनी?

क्यों आया संकट

बांग्लादेश के ताजा संकट ने मुल्क की कई खामियां उजागर कर दी हैं। बीते साल जनवरी में फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व 46 बिलियन डॉलर था, जो अप्रैल 2023 के अंत तक घटकर 30 बिलियन डॉलर पर आ गया है। घटते फॉरेन रिजर्व को बांग्लादेश की ताजा हालात की बड़ी वजह माना जा रहा है। इसके अलावा डॉलर के मुकाबले देश की मुद्रा टका की कीमत भी कम हो रही है। बिगड़ते हालात की गवाह महंगाई भी है, जो करीब 9.9 फीसदी पर है, लेकिन जानकारों के अनुसार, वास्तविक आंकड़े इससे ज्यादा हैं।

बांग्लादेश पर ही संकट क्यों?

कहा जा रहा है कि इस संकट की बड़ी वजह बांग्लादेश का आयात पर जरूरत से ज्यादा निर्भर होना और देश में कच्चे माल और सामान का उत्पादन कम होना है। अनाज, शक्कर, मसाले, पेट्रोलियम उत्पाद, कपास समेत लगभग हर चीज बांग्लादेश को आयात करनी पड़ती है। अब जब 2022 में रूस और यूक्रेन के बीच जंग छिड़ी, तो कीमतें आसमान छूने लगी थीं।

नतीजा यह हुआ कि बांग्लादेश का आयात खर्च बढ़कर 82.49 बिलियन डॉलर पर पहुंच गया। खास बात है कि यह आंकड़ा बीते साल से 36 फीसदी ज्यादा था। हालांकि, 2023 में आयात घटकर 6 बिलियन डॉलर प्रतिमाह से भी कम हो गया है, जो औसतन 7 बिलियन डॉलर के आसपास था। साथ ही कुछ चीजों की कीमतों में भी गिरावट आई है। जानकार बताते हैं कि बावजूद इसके दबाव की वजह लैटर ऑफ क्रेडिट्स हैं, जिन्हें कई महीनों पहले खोला गया था। इसके चलते फॉरेन एक्सचेंज पर भी दबाव है।

एक वजह यह भी!

कहा यह भी जा रहा है कि मनी चेंजर्स या धन बदलने वालों की तरफ से किए जा रहे अवैध और बगैर दस्तावेजों के लेनदेन ने लॉन्ड्रिंग बढ़ा दी है। इसके चलते डॉलर संकट बढ़ रहा है और फॉरेन एक्सचेंज मार्केट पर भी असर पड़ रहा है। 

पेट्रोल संकट

बांग्लादेश में संकट इतना गहरा चुका है कि ईंधन के लिए भुगतान करना मुश्किल हो रहा है। एक मीडिया रिपोर्ट में बांग्लादेश पेट्रोलियन कॉर्प (BPC) के दो पत्रों के हवाले से बताया गया है कि बांग्लादेश पर 6 विदेशी कंपनियों के 300 मिलियन डॉलर से ज्यादा बकाया हैं।

अप्रैल में जारी एक पत्र में तो चेतावनी भी दी गई थी कि अगर तय मई के लिए तय कार्यक्रम के अनुसार, ईंधन आयात नहीं कर सके, तो पूरे देश में सप्लाई प्रभावित हो सकती है, जिसका सीधा असर फ्यूल रिजर्व पर पड़ेगा।

बिजली कटौती से दोहरी मार

बीते कुछ हफ्तों में बिजली के मोर्चे पर बांग्लादेश की जनता को खासी परेशानी उठानी पड़ी है। खबर है कि देश के कई हिस्सों में 5 घंटों तक बिजली कटौती हो रही है। खास बात है कि सोमवार को बांग्लादेश में पारा 41 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा था। साथ ही बिजली कटौती का असर देश के कपड़ा उद्योग को भी नुकसान पहुंचा है। अधिकांश चीजें आयात करने वाला बांग्लादेश कपड़ा निर्यात करता है।

कनेक्टिविटी पर असर के आसार

बकाया नहीं चुकाने पर इंटरनेशनल एयर ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन ने चेतावनी दे दी है कि ब्लॉक किए गए फंड से कनेक्टिविटी पर असर पड़ सकता है। आंकड़े बताते हैं कि ब्लॉक फंड के मामले में नाइजीरिया के बाद बांग्लादेश का दूसरा स्थान है। इस लिस्ट में पाकिस्तान चौथे स्थान पर है।

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