दिल्ली- NCR में बदला मौसम का मिजाज, इन इलाकों में तेज बारिश…

नई दिल्ली, दिल्ली-एनसीआर में बीते तीन दिनों से झुलसाने वाली गर्मी के बाद आज बुधवार को मौसम का मिजाज बदल गया है। दिल्ली से सटे फरीदाबाद में अचानक तेज बारिश होने से गर्मी से राहत महसूस की जा रही है।

फरीदाबाद के कल अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस था। अब बारिश होने से तापमान 35 डिग्री पहुंच गया है और मौसम सुहावना हो गया है। वहीं, दिल्ली और नोएडा में भी आसमान में काले बादल छाए हुए हैं।

5 दिन तक बदला रहेगा मौसम का रुख

इससे पहले कल यानी मंगलवार को दिनभर खिली तेज धूप के कारण सात जगह पर लू भी चली, पर देर शाम धूल भरी हवा चलने से भीषण गर्मी से थोड़ी राहत मिली। मौसम विभाग का अनुमान है कि पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता के कारण बुधवार से चार-पांच दिन तक मौसम का रुख बदला रहेगा।

3 दिन के लिए यलो अलर्ट जारी

मौसम विभाग ने अगले तीन दिन के लिए यलो अलर्ट भी जारी किया है। बता दें कि मंगलवार को दिल्ली का अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा 43.5 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री ज्यादा 29.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। आज अधिकतम एवं न्यूनतम तापमान क्रमश: 38 और 28 डिग्री रह सकता है।

हवा में नमी का स्तर 53 से 31 प्रतिशत रहा। नजफगढ़ में तापमान 46.7 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जिससे यह इलाका सबसे गर्म रहा। राष्ट्रीय राजधानी के 22 में से सात मौसम केंद्रों पर अधिकतम तापमान 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर दर्ज किया गया।

इन सभी जगह लू चली। शाम होते-होते स्थितियां बदलने लगीं। 48 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली धूल भरी हवा और छाए बादलों ने शाम को उमस भरी गर्मी से थोड़ी राहत दी।

बिजली की खपत में हुई 89 प्रतिशत की बढ़ोतरी

बढ़ती गर्मी के चलते दिल्ली में पिछले तीन दिनों से बिजली की मांग में काफी बढ़ोतरी हुई है। सोमवार को अधिकतम मांग 6,532 थी और मंगलवार अपराह्न 3.31 बजे यह 6,916 मेगावाट पहुंच गई है।

आने वाले दिनों में मांग 7,500 मेगावाट से ऊपर पहुंच सकती है, जिससे बिजली वितरण कंपनियों (डिस्काम) की चिंता बढ़ गई है। निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए जरूरी कदम उठाए जा रहे हैं।

पिछले वर्षों की तुलना में इस बार मई में बिजली की मांग कम थी, लेकिन रविवार से इसमें तेजी से बढ़ोतरी हुई है। डिस्काम का कहना है कि तापमान बढ़ने के कारण बिजली की खपत बढ़ी है।

फिर से मांग रिकार्ड स्तर पर पहुंच रही है। एक मई को अधिकतम 3,644 मेगावाट थी, 23 मई तक इसमें लगभग 89 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है।

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