पिथौरागढ़: एलधारा ट्रीटमेंट में चोटी पर बने मकान और खेती की भूमि बनी बाधा, जानें कब होगा फैसला

पिथौरागढ़, एलधारा चट्टान के ट्रीटमेंट में चोटी पर बनें कुछ मकान और खेती की भूमि का पेंच फंस गया है। इस समस्या का समाधान निकालने के लिए टीएचडीसी और सिंचाई विभाग के अभियंताओं की टीम एलधार का निरीक्षण कर दो दिन के भीतर निष्कर्ष निकालेगी। पेंच फंस जाने से ट्रीटमेंट के कार्य की गति धीमी पड़ गई है।

पिछले वर्ष मानसून काल में एलधार चट्टान के दरक जाने से धारचूला मल्ली बाजार में छह मकान ध्वस्त हो गए थे। कई मकानों को आंशिक क्षति पहुंची। दुकानों और घरों में मलबा घुसने के साथ ही सड़क, पेयजल योजनाएं क्षतिग्रस्त हो गई। तीन माह के लंबे अंतराल के बाद व्यवस्था बहाल हो पाई।

चोटी से भविष्य में धारचूला नगर पर खतरे की आशंका को देखते हुए शासन ने इसके ट्रीटमेंट के लिए 20 करोड़ की धनराशि स्वीकृत की है। इस धनराशि से काम चल रहा है।

चट्टान के शीर्ष से फिर भूस्खलन न हो इसके लिए चोटी को पीछे की और स्लोब दिए जाने का प्रस्ताव डिजाइन में रखा गया था, स्लोब देने पर चोटी पर बने कुछ मकान को ध्वस्त करने के साथ ही कुछ कृषि योग्य भूमि को भी काटना पडेगा। इन मकानों को हटाने और कृषि योग्य भूमि को काटने पर मुआवजे की समस्या खड़ी होगी। इसे देखते हुए अब एक बार फिर इस पर नये सिरे से विचार किया जा रहा है।

जिलाधिकारी रीना जोशी ने टीएचडीसी और सिंचाई विभाग के अभियंताओं को निर्देश दिए है कि स्थल का निरीक्षण कर जरूरी होने पर डिजाइन में संशोधन किया जाए। इसके लिए उन्होंने अभियंताओं को दो दिन का समय दिया है।

जिलाधिकारी ने कहा कि संशोधन के साथ ही निचले हिस्सों में कम से कम इतना कार्य करा लिया जाए कि कस्बे को मानूसन काल में किसी तरह का खतरा न हो।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker