उत्तराखंड: रोजगार की राह देख रहे युवाओं की उम्मीदों पर झटका, लैंसडौन कैंट में इतने पदों पर भर्तियां रद्द

छावनी परिषद में रोजगार की राह देख रहे युवाओं की उम्मीदें एक बार फिर से धूमिल हो गई हैं। छावनी परिषद में कनिष्ठ सहायक समेत विभिन्न 11 पदों पर होने वाली नियुक्तियां छावनी परिषद की दयनीय अर्थव्यवस्था के चलते रद कर दी गई है। छावनी परिषद की व्यवस्था एक बार फिर संविदा कर्मियों पर निर्भर होंगी।

लैंसडौन छावनी परिषद में विभिन्न पदों पर नियुक्तियों का इंतजार और लंबा हो चला है। युवाओं को उम्मीद थी कि फरवरी में छावनी परिषद की ओर से नियुक्तियों की विज्ञप्ति जारी कर दी जाएगी। लेकिन, रक्षा मंत्रालय की ओर से 30 अप्रैल को प्रस्तावित चुनाव के मद्देनजर आदर्श आचार संहिता लागू कर दी गई थी।

आर्थिक स्थिति खस्ताहाल देखते हुए नई नियुक्तियों पर रोक

कैंट एक्ट 2006 में परिवर्तन की मांग को लेकर देश के सभी कैंट में हो रहे विरोध के चलते रक्षा मंत्रालय ने चुनाव निरस्त कर दिए, तो आचार संहिता हटने से छावनी परिषद में रोजगार की उम्मीदों को एक बार फिर से पंख लग गए। लेकिन, छावनी परिषद ने आर्थिक स्थिति खस्ताहाल देखते हुए नई नियुक्तियों पर रोक लगा दी है।

वर्तमान परिपेक्ष्य में कई वर्ष से कैंट में बजट कटौती के चलते न सिर्फ नगर में विकास कार्यों की स्थिति बुरी तरह चरमरा गई है। बल्कि, कैंट के कर्मचारियों को भी वेतन तक देने के लाले पड़ गए हैं।

तीन से चार माह तक कर्मचारियों को वेतन न मिलने की समस्या कैंट में आम हो गई है। कैंट कर्मचारियों की यूनियन इसके विरोध में प्रदर्शन करने के साथ कार्य बहिष्कार की चेतावनी भी दे चुकी है। ऐसे में छावनी परिषद के समक्ष नए कर्मचारियों को वेतन देना भी चुनौती बन गया है।

वर्ष 2011 के बाद से नहीं हुई भर्तियां

लैंसडौन छावनी परिषद में वर्ष 2011 के बाद से किसी भी रिक्त पद पर स्थाई नियुक्तियां नहीं हो पाई हैं। 13 वर्ष के दौरान कई कर्मचारी सेवानिवृत्त हो गए, लेकिन उनके पदों पर संविदा कर्मचारियों की ही सेवाएं ली जा रही हैं। भर्ती मिशन मोड के तहत इस देश के अन्य कैंट की भांति लैंसडौन में भी रिक्त पदों के लिए नियुक्तियां होनी थी, जिसके लिए विभाग की ओर से तैयारियां भी शुरू कर ली गई थी। लेकिन कैंट में बजट न होने से एक बार फिर से भर्तियां टल गई हैं।

समस्या का मुख्य कारण

रक्षा मंत्रालय की ओर से छावनी परिषद के बजट में बड़ी कटौती करने के साथ ही उन्हें आत्मनिर्भर बनने के निर्देश दिए हैं। आबादी के लिहाज से सी श्रेणी के लैंसडौन कैंट बोर्ड में देश की आबादी भले ही जनगणना में साढ़े तीन हजार के करीब हो। लेकिन, मौजूदा परिपेक्ष्य में पलायन के चलते एक हजार से भी कम लोग यहां निवास कर रहे हैं।

ऐसे में लैंसडौन कैंट देश के अन्य शहरी क्षेत्रों की अपेक्षा जहां छोटे कैंट में शुमार हैं, वहीं, इसके आय के संसाधन भी सीमित हैं। रक्षा मंत्रालय की ओर से कैंट के टोल को खत्म करने से भी लैंसडौन कैंट की आय पर बड़ा झटका लगा है। लैंसडौन कैंट के पास अपनी आय कम व खर्च अधिक होने के कारण ही कर्मचारियों को वेतन देने से लेकर तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।

इन पदों पर होनी थी नियुक्तियां

  • कनिष्ठ सहायक : 02 पद
  • अध्यापक हाईस्कूल : 03 पद
  • प्राइमरी वर्ग : 02 पद
  • फोरेस्ट गार्ड : 01 पद
  • चालक : 01 पद
  • कंम्प्यूटर प्रोग्रामर : 01 पद
  • मिड वाइफ : 01 पद

वर्तमान में कैंट में बजट की बेहद कमी है, जिससे नए पदों पर भर्तियां नहीं की जा सकती। भविष्य में जब भी कैंट के पास बजट की स्थाई उपलब्धता होगी, तो नई भर्तियों के लिए विज्ञप्ति जारी कर दी जाएगी।

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