उत्तराखंड में बारिश-ओलावृष्टि से फसलों को भारी नुकसान, जानिए मौसम पूर्वानुमान

उत्तराखंड में पिछले कुछ दिनों से हो रही बारिश और ओलावृष्टि ने कृषि और बागवानी फसलों को नुकसान पहुंचाया है। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में फसलों पर ज्यादा असर दिखाई दिया है। फसल बर्बाद होने के बाद किसान भी काफी परेशान हैं। बारिश और तेज हवाओं की वजह से कई जगह खेतों में खड़ी गेहूं की फसल जमीन पर पट गई है।

उद्यान विभाग ने भी माना है कि इस वक्त ओलावृष्टि की वजह से फलों को नुकसान हुआ है। यह कई प्रजातियों का फ्लावरिंग का वक्त होता है और ओलों के कारण फूल नष्ट हो जाते हैं। सभी जिलों में नुकसान हुआ है। 

बारिश और बर्फबारी का येलो अलर्ट जारी

उत्तराखंड में मंगलवार को बारिश और बर्फबारी का येलो अलर्ट जारी किया गया है। 24 मार्च तक विभिन्न जिलों में बारिश की संभावना है। मौसम निदेशक डॉ. बिक्रम सिंह के मुताबिक, अधिकांश जगह हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी हो सकती है। 3500 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी की संभावना है। कई इलाकों में ओलावृष्टि की भी आशंका है। 22 एवं 23 मार्च को मैदानी इलाकों में राहत मिल सकती है। 24 मार्च को सभी जिलों में बारिश एवं बर्फबारी का अलर्ट रहेगा।

देहरादून: बागवानी को 30 फीसदी तक नुकसान

जिले में ओलावृष्टि से मटर, गोभी की फसल खराब हुई है। वहीं फ्लावरिंग सीजन के चलते आडू, पुलम, खुमानी के अलावा सेब और नाशपाती की फसल को भी नुकसान पहुंचा है। जिला उद्यान विभाग को मोबाइल टीमों से मिली रिपोर्ट के अनुसार, त्यूणी में 150 हेक्टेयर पर फल की पैदावर को नुकसान पहुंचा है। इसमें 27 लाख रुपये के नुकसान का आकलन है। सब्जियों में 160 हेक्टेयर भूमि पर 96 लाख के नुकसान का अनुमान है। 

इसी तरह कोटी कनासर में 23 हेक्टेयर पर फल और 21 हेक्टेयर पर सब्जी की फसल खराब हुई है। फलों में साढ़े 14 लाख और सब्जियों की फसल में 12 लाख के नुकसान का आकलन है। फल सब्जियों को 25 से 30 फीसदी तक नुकसान का अनुमान है। बाकी जगहों पर नुकसान का आकलन किया जा रहा है।

उत्तरकाशी: मौसमी फलों के फूल हो रहे खराब

बारिश से पुरोला , नौगांव, डुंडा आदि  क्षेत्र में मटर की खेती के साथ ही बागवानी को मौसम से नुकसान हो रहा है।  बागवान कपिल देव,राम प्रसाद रतूड़ी व वीरेंद्र चौहान ने कहा कि सेब सहित नाशपाती,पल्म,आड़ू,खुबानी आदि अन्य फलों में फ्लॉवरिंग हो रही है। ओलों की वजह से फूल नष्ट हो रहे हैं। इससे उत्पादन में कमी आएगी।

रुद्रप्रयाग: जंगल की आग बुझी पर फल हो रहे बर्बाद

बीते दिनों से जनपद में लगातार बारिश हो रही है। जिससे आम, आडू, पोलम की फसल खराब हो रही है। पेड़ों में लगे फूल और बौर बारिश एवं ओलावृष्टि से खराब हो रहे हैं।  बारिश से तापमान में भी कमी आ गई है। जिस तेजी गर्मी हो रही थी उसमें गिरावट आ गई है जबकि जंगलों में लगी रही आग को बुझ गई है।

नैनीताल: गेंहू, मटर की फसलों को भारी नुकसान 

बारिश और ओलावृष्टि से गेहूं, मटर, मसूर, जो की फसलों का नुकसान हुआ है। सर्वे कराया जा रहा है रिपोर्ट आने के बाद नुकसान का पता चलेगा। कृषि अधिकारी विकेश यादव के अनुसार यह रवि की फसलों का समय है। फसलों को हुए नुकसान का सर्वे कराया जा रहा है। बताया कि ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान हुआ है। 

हल्द्वानी: पंद्रह फीसदी तक फसलें प्रभावित

बारिश और ओलावृष्टि से क्षेत्र में केवल गेहूं की फसल को 10 से 15 फीसदी नुकसान की आशंका है।  जिला सहायक कृषि अधिकारी अफरोज ने बताया कि इस  जबकि अन्य बागबानी फसलों को नुकसान नहीं है। वहीं गौलापार के किसान देवेंद्र सिंह बिष्ट ने बताया बारिश के दौरान हवा चली को गेहूं की फसल को नुकसान होगा। 

पिथौरागढ़: गेहूं और मसूर की फसल पर पड़ी मार  

गेहूं, मसूर की फसलों को 15 फीसदी नुकसान होने का अनुमान है। मुख्य कृषि अधिकारी रीतू टम्टा के अनुसार फसलों को 15 फीसदी नुकसान होने की आशंका है। सही स्थिति क्राप कटिंग के बाद ही सामने आएगी।  कृषि अधिकारियों का कहना है कि कुछ इलाकों में बारिश फसलों के लिए लाभदायक साबित हो सकती है। 

बागेश्वर: मटर, टमाटर और  नींबू को नुकसान

शामा व कांडा में ओलावृष्टि से मटर, टमाटर, आम तथा नींबू को अब तक पांच फीसदी तक नुकसान की आशंका है।  प्रगतिशील किसान प्रताप सिंह गड़िया ने बताया कि बारिश से तो फसल व फल उत्पादन को लाभ होगा। ओलावृष्टि से आम, लीची, मटर, प्यास व लहसुन को अधिक नुकसान हुआ है।

हरिद्वार: गेहूं सहित कई फसलें प्रभावित 

जिले में फसलों को 10 फीसदी तक नुकसान की आशंका है। किसान राजवीर सिंह, रहमान, गालिब हसन, पवन चौहान का कहना है कि हवा व बारिश के चलने के कारण गेहूं की फसल जमीन पर गिर गई हैं।  गेहूं के दाने काले होने से किसानों को आर्थिक नुकसान  होता है। क्षेत्र में लगभग 10 प्रतिशत फसलों को नुकसान का आकलन हैं।  सब्जियों में गोभी, आलू, पालक, मूली आदि सब्जियों को भी हानि पहुंच सकती है।

वर्तमान सीजन स्टोन फ्रूट का होता है। इनमें फ्लावरिंग जल्द होती है और ओलावृष्टि होने से सीधा नुकसान होता है। इससे उत्पादन प्रभावित होगा। सभी जिलों से बारिश और ओलावृष्टि के असर की रिपोर्ट मांग ली गई है।

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