छत्तीसगढ़: राज्य में नई एंटी-नक्सल पॉलिसी लागू, शहीद हुए पुलिसकर्मियों के लिए होगा विशेष प्रावधान
रायपुर, शुक्रवार को छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल की अध्यक्षता वाली बैठक में नई व्यापक ‘नक्सल उन्मूलन नीति’ को मंजूरी दे दी गई है। इसमें कई नए प्रावधानों को जोड़ा गया है। इसमें नक्सलियों से संघर्ष के दौरान शहीद हुए पुलिसकर्मियों, मारे गए नागरिकों और आत्मसमर्पन करने वाले नक्सलियों के लिए प्रावधान दिए गए हैं।
संघर्ष के दौरान शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिवारों के लिए विशेष प्रावधान
नए नीति के तहत नक्सलियों के संघर्ष के दौरान शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिवारों को कृषि भूमि खरीदने के लिए 20 लाख रुपये की अतिरिक्त सहायता, नक्सली हिंसा के शिकार नागरिकों के परिजनों को अनुकम्पा के आधार पर सरकारी नौकरी और आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को 5 लाख रुपये या इससे अधिक सहायता राशि दी जाएगी। इस बात की जानकारी एक वरिष्ठ अधिकारी ने दी है।
पहली बार नीति में होगा विस्तार
अधिकारियों ने कहा कि हालांकि राज्य में नक्सली आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति है और नक्सली हिंसा के मामले में मुआवजे का प्रावधान है, लेकिन यह पहली बार है, जब इसमें विस्तार किया जा रहा है। राज्य के अधिकारी ने कहा कि राज्य की “विकास, विश्वास और सुरक्षा” की रणनीति के आधार पर नई नीति शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार सहित विभिन्न सरकारी विभागों के तहत लक्ष्यों और कार्यों को संबोधित करती है। अधिकारी ने कहा कि इस नई नीति के अगले दो महीने में लागू होने की उम्मीद है।
हादसे के तीन साल के भीतर मिलेगी सुविधा
अधिकारी ने कहा कि नक्सलियों द्वारा हत्या या मृत्यु, चोट, संपत्ति को नुकसान और आजीविका के मामलों में दिए जाने वाले मुआवजे को दोगुना कर दिया गया है, जबकि पीड़ितों को यदि जरूरत हुई तो कृत्रिम अंग प्रदान किए जाएंगे। नई नीति के तहत, शहीद पुलिसकर्मी के परिजनों को कृषि भूमि खरीदने के लिए अतिरिक्त 20 लाख रुपये मिलेंगे और पुलिसकर्मी की मृत्यु के 3 साल के भीतर 2 एकड़ तक की खरीद पर स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क में भी छूट दी जाएगी।
नक्सली हमले में मारे गए नागरिक के परिवार को मिलेगी आर्थिक मदद
नीति में कहा गया है कि नक्सली हमले में यदि किसी परिवार के नागरिक की मृत्यु हो जाती है तो, ऐसी स्थिति में उसके परिवार को घटना के तीन साल के अंतर्गत ही अनुकंपा नियुक्ति की तर्ज पर सरकारी सेवा प्रदान की जाएगी। यदि शासकीय सेवा उपलब्ध नहीं करायी जाती है तो, पीड़ित परिवार को कृषि भूमि क्रय हेतु 15 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि दी जायेगी तथा 2 एकड़ तक की भूमि क्रय करने पर स्टाम्प शुल्क/पंजीकरण शुल्क में छूट दी जायेगी।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों के लिए प्रावधान
पॉलिसी के मुताबिक, सरेंडर के वक्त नक्सलियों को 25 हजार रुपये की तत्काल मदद मिलेगी। इसके साथ ही, जिस नक्सली पर 5 लाख रुपये या उससे अधिकर की राशि का इनाम है तो, ऐसे नक्सली को सरेंडर करने पर 10 लाख रुपये अतिरिक्त दिए जाएंगे। यह 10 लाख रुपये की अतिरिक्त राशि एक बैंक में सावधि जमा में रखी जाएगी और उस पर अर्जित ब्याज आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को दिया जाएगा। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली के आचरण की समीक्षा के बाद पूरी राशि 3 साल बाद सौंप दी जाएगी। आत्मसमर्पण के तीन साल के भीतर कृषि भूमि खरीदने वाले नक्सलियों को दो एकड़ तक की जमीन के लिए स्टांप शुल्क और पंजीकरण शुल्क में पूरी छूट मिलेगी।
राज्य के बाहर रहने वाले नागरिक की मृत्यु पर परिजनों को मिलेगी सहायता
अधिकारी ने कहा कि नीति का एक अन्य प्रावधान है कि यदि राज्य में नक्सली हिंसा के कारण राज्य के बाहर के किसी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो, उसके परिवार को भी मुआवजा दिया जाएगा। नक्सली हिंसा के शिकार या आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली, जो आतंकवाद विरोधी अभियानों में विशेष सहयोग प्रदान करते हैं, अपनी जान जोखिम में डालते हैं, उन्हें संबंधित रेंज के पुलिस महानिरीक्षक द्वारा पुलिस विभाग के निचले पायदान पर भर्ती किया जा सकता है।
अधिकारी ने कहा कि नीति लागू होने की तारीख से पांच साल तक प्रभावी रहेगी, उन्होंने कहा कि सभी विभागों को नियमों और प्रावधानों में संशोधन कर इसे 60 दिनों के भीतर लागू करने का निर्देश दिया गया है।