इतिहास में है दिलचस्पी तो झांसी की इन जगहों की जरूर करें सैर, जानें…

कई ट्रैवल लवर्स को इतिहास में बेहद दिलचस्पी होती है. ऐसे में लोग अक्सर देश के हिस्टॉरिकल प्लेसेस को विजिट करना पसंद करते हैं. लेकिन क्या आपने कभी झांसी शहर का रुख किया है.

जी हां, झांसी की कुछ इमारतें खुद अपनी कहानी बयां करती हैं. ऐसे में अगर आपको इतिहास में इंट्रेस्ट है. तो झांसी की इन जगहों को एक्सप्लोर करना आपके लिए बेस्ट हो सकता है.

वैसे तो उत्तर प्रदेश में ऐतिहासिक जगहों की भरमार है. मगर झांसी का नाम यूपी की फेमस हिस्टॉरिकल डेस्टिनेशन्स में शुमार है. ऐसे में झांसी का दीदार आपको इतिहास के कई पन्नो से रूबरू करवा सकता है. तो आइए जानते हैं झांसी में घूमने की कुछ मशहूर जगहों के बारे में, जहां की सैर आपके सफर को हमेशा के लिए यादगार बना सकती है.

झांसी किला:-

झांसी किले का निर्माण 17वीं शताब्दी में राजा बीर सिंह ने करावाय था. बगीरा नामक पहाड़ी पर बने इस किले का एक हिस्सा 1857 की क्रांति में नष्ट हो गया था. झांसी फोर्ट में लक्ष्मीबाई पार्क और गणेश जी का खूबसूरत मंदिर भी मौजूद है. वहीं किले से पूरा झांसी शहर का नजारा बेहद शानदार नजर आता है.

रानी महल:-

झांसी में स्थित रानी लक्ष्मीबाई के महल को रानी महल या शाही महल के नाम से जाना जाता है. दो मंजिला इस महल में छह हॉल मौजूद हैं. साथ ही महल में संग्रहालय भी मौजूद है. वहीं दरबार हॉल को इस महल की शान माना जाता है. रानी महल की बेहतरीन वास्तुकला पर्यटकों को बेहद पसंद आती है.

झांसी म्यूजियम:-

देश के सबसे पुराने संग्रहालयों में झांसी म्यूजियम का नाम भी शामिल है. 19वीं शताब्दी में बना ये संग्रहालय रानी लक्ष्मीबाई को समर्पित है. वहीं म्यूजियम में मौजूद कलाकृतियां बुंदेलखंड के सदियों पुराने इतिहास को दर्शाती हैं.

ओरछा:-

झांसी के पास स्थित ओरछा का निर्माण 1501 में बुदेंल के राजा रुद्र प्रताप सिंह ने करवाया था. बेतवा नदी के आईलैंड पर बसा ओरछा किला यहां काफी फेमस है. इसके अलावा ओरछा में चतुर्भुज मंदिर, छत्रिया लक्ष्मी नारायण मंदिर और वाइल्ड लाइफ सेंचुरी भी मौजूद है. वहीं ओरछा की सैर के दौरान आप बेतवा नदी में रिवर राफ्टिंग और बोटिंग का भरपूर लुत्फ उठा सकते हैं.

राजा गंगाधर राव छत्री:-

राजा गंगाधर राव की छत्री झांसी के राजा और रानी लक्ष्मीबाई के पति गंगाधर राव को समर्पित है. इस छतरी का निर्माण रानी लक्ष्मीबाई ने करवाया था. वहीं छत्री के समीप महालक्ष्मी मंदिर और लक्ष्मी झील भी मौजूद है.

बरुआ सागर:-

झांसी में स्थित बरुआ सागर झील 260 साल पुरानी है. इस झील में बुंदेलों और पेशवा के सैनिकों के बीच में लड़ाई लड़ी जाती थी. वहीं झील के किनारे तटबंध भी मौजूद है. जहां से समूचे बरुआ सागर का दिलकश नजारा आसानी से देखा जा सकता है.

सेंट जूड्स श्राइन:-

झांसी में सेंट जूड्स श्राइन नामक रोमन कैथोलिक चर्च भी स्थित है. इस चर्च का निर्माण फ्रांसिस जेवियर फेनेच ने करवाया था. कैथोलिक ईसाई समुदाय में मशहूर इस चर्च में हर साल 28 अक्टूबर को सेंट जूड फेस्टिवल का आयोजन किया जाता है. इस फेस्टिवल में देश-विदेश के कई क्रिश्चन हिस्सा लेते हैं.

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