ये है हिमालय की पांच बेहद रहस्यमयी स्थान, जानिए…
हिमालय में कई ऐसी जगहें हैं जो रहस्यों से भरी हैं। वैज्ञानिक भी अभी तक इन रहस्यों के बारे में पता नहीं लगा पाए हैं। वैज्ञानिक भी इन जगहों का दौरा कर चुके हैं, लेकिन उन्हें कोई सफलता नहीं मिली है।
आज हम आपको हिमालय की इन रहस्यमयी जगहों के बारे में बताएंगे।
गुरुडोंगमार झील
हिमालय में स्थित इस झील को रहस्यमयी माना जाता है। यह झील गुरु पद्मसंभव से जुड़ी हुई है। कहा जाता है कि स्थानीय लोगों के अनुरोध पर गुरु पद्मसंभव ने अपना हाथ झील के एक हिस्से पर रखा था, जिसके बाद झील का यह हिस्सा बेहद ठंडे दिनों में भी नहीं जमता था। सबसे हैरानी की बात यह है कि इस जगह को छोड़कर पूरी झील जम जाती है। झील भी सदियों से लोगों के लिए पानी का स्रोत रही है। ऐसा माना जाता है कि गुरु पद्मसंभव एक तांत्रिक थे। इसलिए इस झील को रहस्यमयी माना जाता है।
कोंगका ला दर्रा
लद्दाख में स्थित कोंगका ला दर्रे पर पहुंचना बहुत मुश्किल है। यह स्थान बर्फ से ढका हुआ है। 1962 में भारत और चीन के बीच युद्ध के बाद इस बात पर सहमति बनी थी कि दोनों देशों की सेना इस स्थल पर मार्च नहीं करेगी। तब से यह जगह सुनसान पड़ी है। स्थानीय लोगों के अनुसार कोंगका ला दर्रा कुछ ही निपुण पुरुष जाते हैं। इस जगह पर उन्हें एक यूएफओ दिखाई देता है। अगर आप यूएफओ देखना चाहते हैं तो इस जगह पर देख सकते हैं। कहा जाता है कि हर महीने इस जगह पर एलियन आते हैं। इस जगह पर ट्रैफिक कम होने की वजह से एलियंस यूएफओ पर सवार होकर आते हैं। आज तक कोई भी यूएफओ के रहस्यों को सुलझाने में सफल नहीं हुआ है।
ज्ञानगंज
ज्ञानगंज वर्तमान तिब्बत में कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील के पास स्थित है। धार्मिक मान्यता के अनुसार यहां एक आश्रम है। भगवान विश्वकर्मा ने इस आश्रम का निर्माण करवाया है। भगवान राम, श्रीकृष्ण, बुद्ध आदि अपने भौतिक रूप में इस स्थान पर निवास करते हैं। इसके अलावा महर्षि वशिष्ठ, विश्वामित्र, महायोगी गोरखनाथ, श्रीमद् शंकराचार्य, भीष्म, कृपाचार्य, कणाद, पुलस्त्य आश्रम में भौतिक रूप में देखे जा सकते हैं। यहां हजारों वर्षों से सैकड़ों ऋषि तपस्या करते देखे जाते हैं। स्वामी विशुद्धानंद परमहंस ने सबसे पहले लोगों को इस स्थान की जानकारी दी।
गंगखर पुनसुम
गंगखर पुनसुम को दुनिया का सबसे ऊंचा पर्वत माना जाता है और आज तक कोई भी इस पर्वत तक नहीं पहुंच पाया है। यह दुनिया का पहला ऐसा पर्वत है जिस पर आज तक कोई चढ़ाई नहीं कर पाया है। भूटान में स्थित इस पर्वत पर एक अर्धमानव यति रहता है। कई पर्वतारोहियों सहित स्थानीय लोगों ने भी यति को देखने का दावा किया है। तिब्बत के लोग उनसे डरते हैं और उनकी पूजा करते हैं। तिब्बती ऊँचे पहाड़ को देवता मानते हैं। इस कारण भी गंगखर पुनसुम की चोटी पर जाने की अनुमति नहीं है।
टाइगर का घोंसला मठ
इस मठ के केंद्र में एक खड़ी चट्टान के किनारे पर एक गुफा स्थित है। ऐसा माना जाता है कि गुरु पद्मसंभव ने तीन साल, तीन महीने, तीन दिन और तीन घंटे तक कठोर तपस्या की थी। कहा जाता है कि गुरु पद्मसंभव बाघ पर सवार होकर इस गुफा तक पहुंचे थे। इस गुफा को टाइगर मठ के नाम से भी जाना जाता है। वर्ष 1962 में निर्मित, यह आज भी स्थित है।