छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर निशाना साधते हुए कही ये बात

रायपुर: छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल ने समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता स्वामी प्रसाद मौर्य की रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी को लेकर शुक्रवार को उन पर हमला बोला। बघेल ने कहा यह सारा विवाद बस वोटों के लिए है। भगवान को किसी भी नाम से पुकारो उससे कोई फर्क नहीं पड़ता। बघेल ने कहा, ”रामचरितमानस को लेकर जो भी झगड़ा चल रहा है, वह सब वोट के लिए है। यह विवाद समाजवादी पार्टी (सपा) के साथ-साथ बीजेपी को भी भा रहा है। यह समाजवादी पार्टी नेता मौर्य के साथ-साथ यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ को भी भा रहा है।”

आगे उन्होंने कहा, “कोई बार-बार मरा-मरा का उच्चारण करे तो भी उसके मुख से ‘राम-राम’ निकलेगा। कोई मरा बोलता है तथा कोई राम बोलता है, इससे क्या फर्क पड़ता है? आप भगवान को किसी भी नाम से पुकारें।” यदि कोई उनके खिलाफ भी बात करता है, तो वह उनका ही नाम लेता है।” सीएम बघेल ने कहा, ”मैं रामायण के बारे में बोलना चाहूंगा कि इस मामले में विनोबा भावे ने बहुत अच्छी बात कही थी। रामचरितमानस को गहराई से पढ़ने की आवश्यकता है, इस पर बहस करने की आवश्यकता नहीं है। अच्छी बातों को ग्रहण करना चाहिए। दो चार दोहे को लेकर विवाद नहीं होना चाहिए। प्रत्येक व्यक्ति के लिए सब कुछ सही नहीं हो सकता, प्रत्येक व्यक्ति की अपनी पसंद होती है जैसे कुछ करेला पसंद करते हैं, कुछ नहीं।” पिछले महीने समाजवादी पार्टी नेता मौर्य ने महाकाव्य रामायण पर आधारित रामचरितमानस में विशेष जातियों एवं संप्रदायों पर लक्षित “अपमानजनक टिप्पणियों और कटाक्ष” को हटाने की मांग करने के पश्चात् विवाद खड़ा कर दिया था। 

मौर्य ने आगे दावा किया था कि तुलसीदास द्वारा रचित रामचरितमानस में दलित समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाले शब्द हैं। इसके अतिरिक्त, मुख्यमंत्री बघेल ने एक बार फिर केंद्रीय बजट 2023 पर प्रकाश डाला, जिसे केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बुधवार, 1 फरवरी को पेश किया था। उन्होंने कहा कि बजट में कुछ अहम बिंदु हैं जिनका वह उल्लेख करना चाहेंगे। बघेल ने कहा, ”महंगाई चरम पर है, राजकोषीय घाटा चरम पर है, मौजूदा घाटा चरम पर है, बेरोजगारी चरम पर है तथा कर्ज का बोझ 8 वर्षों में तीन गुना अधिक है. यह निष्कर्ष है। बजट किसानों, मजदूरों, महिलाओं, निम्न वर्ग, मध्यम वर्ग के लिए बहुत ही निराशाजनक है तथा यही तथाकथित अमृत काल की सच्चाई है।”

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