मौनी अमावस्या के दिन भूलकर भी न करें काम, नहीं तो हो सकती हानि

माघ माह के कृष्ण पक्ष में आने वाली अमावस्या को माघ अमावस्या या मौनी अमावस्या बोलते हैं। इस दिन मौन रहकर दान एवं स्नान करने की खास अहमियत बताई गई है। शास्त्रों के मुताबिक, मुंह से ईश्वर का जाप करने से जितना पुण्य प्राप्त होता है, उससे कहीं गुना अधिक पुण्य मौन रहकर जाप करने से मिलता है। मौनी अमावस्या पर मनु ऋषि का जन्म भी हुआ था तथा मनु शब्द से ही मौनी की उत्पत्ति हुई। इस वर्ष मौनी अमावस्या 21 जनवरी को पड़ रही है। 

मौनी अमावस्या पर भूलकर भी ना करें ये गलतियां:-

देर तक न सोएं:- 
मौनी अमावस्या के दिन देर तक सोते ना रहें। अमावस्या के दिन प्रातः जल्दी उठकर स्नान करने की परंपरा है। यदि आप किसी पवित्र नदी में स्नान नहीं कर पाएं है तो घर पर अवश्य स्नान कर लें। स्नान करने के पश्चात् सूर्य अर्घ्य देना नहीं भूलें। स्नान से पहले तक कुछ बोले नहीं, मौन रहें।

श्मशान के पास न जाएं:- 
अमावस्या पर श्मशान घाट या कब्रिस्तान में या उसके आस-पास नहीं घूमना चाहिए। अमावस्या की रात सबसे घनी काली रात होती है तथा कहा जाता है कि इस वक़्त बुरी आत्माएं या शक्तियां बहुत सक्रिय हो जाती है। 

घर में अशंति न फैलाएं:- 
अमावस्या के दिन घर में शांति का माहौल होना चाहिए। आज के दिन जिस घर में कलह का माहौल होता है, वहां पितरों की कृपा नहीं होती है। 

लड़ाई-झगड़े से बचें:- 
आज के दिन लड़ाई-झगड़े एवं वाद-विवाद से बचना चाहिए। इस दिन कड़वे वचन तो बिल्कुल नहीं बोलने चाहिए। 

पीपल की पूजा न करें:- 
अमावस्या के दिन पीपल की पूजा करने से शुभ फल मिलते हैं, मगर शनिवार के अतिरिक्त अन्य दिन पीपल का स्पर्श नहीं करना चाहिए। इस वर्ष मौनी अमावस्या 21 जनवरी दिन शनिवार को पड़ रही है। इस दिन पीपल की पूजा न करें।

मांस-मदिरा का सेवन:- 
मौनी अमावस्या के दिन शराब, मांस के सेवन इत्यादि से दूर रहें तथा सादा भोजन करें। अधिक से अधिक वक़्त तक मौन रहकर ध्यान

शारीरिक संबंध न बनाएं:- 
अमावस्या पर संयम बरतना चाहिए। इस दिन पुरुष एवं स्त्री को यौन संबंध नहीं बनाना चाहिए। गरुण पुराण के मुताबिक, अमावस्या पर यौन संबंध बनाने  से पैदा होने वाली संतान को आजीवन सुख नहीं प्राप्त होता है।

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