कंझावला केस: अंजली की दोस्त निधि का खुलासा, कहा- आरोपित अपनी लेन में चलते तो….

नई दिल्ली, सुल्तानपुरी मामले में आरोपितों की लापरवाही की वजह से अंजलि की जान चली गई।आरोपितों ने गली में खड़ी कार को ओवरटेक किया व सामने से आ रही स्कूटी में टक्कर दे मारी। अंजलि अपनी कथित लेन (उचित बाएं तरफ) में चल रही थी जबकि आरोपित ही कथित लेन तोड़कर गलत दिशा में आ रहे थे।

दरअसल कृष्ण विहार का एक और सीसीटीवी फुटेज सामने आया है। जिसमें दिखाई दे रहा है कि स्कूटी पर सवार अंजलि व निधि अपनी लेन में जा रही थी, जबकि कार सवार आरोपित अपनी लेन छोड़कर निधि की लेन से तेज रफ्तार में जाते हुए दिखाई दे रेहे हैं। दृश्य रूपांतरण के दौरान भी निधि ने यही बात पुलिस को बताई। संभावना जताई जा रही है कि अगर आरोपित लेन न तोड़ते तो इतनी बड़ी दुर्घटना न होती और अंजलि आज जिंदा होती।

दोस्त को घर छोड़ने जा रही थी अंजलि

पुलिस सूत्रों के अनुसार, 31 दिसंबर की रात अंजलि पूठ कलां गांव के होटल से निकलकर अपनी दोस्त निधि को उसके घर छोड़ने जा रही थी। निधि का घर सुल्तानपुरी थाने के सामने वाली गली में अंदर जाकर है। ठंड की वजह से मंगोलपुरी वाई ब्लाक के रास्ते से उसके घर जाने के बजाय उसने कृष्ण विहार के बीच से होकर जाने का मन बनाया और स्कूटी घुमा ली।

कृष्ण विहार के शनि बाजार के रोड पर वह पहुंची और अपनी लेन में ही चलने लगी।इस सड़क के दोनों तरफ आसपास के लोग रात के समय अपने वाहन पार्क कर देते हैं। जैसे ही अंजलि करीब 200 मीटर आगे पहुंची तो कृष्ण विहार से कंझावला रोड की ओर जा रही कार ने गली में खड़ी कार को ओवरटेक किया व अंजलि की लेन में चले गए।

ऐसे में स्कूटी व कार आमने सामने हो गए और कथित रूप से दोनों वाहनों के चालकों के शराब के नशे में होने की वजह से कोई भी एकदम से स्कूटी या कार को नहीं रोक पाया और उनमें टक्कर हो गई। दुर्घटना के बाद आरोपित अमित ने कार पीछे ली तो उसे सिर्फ निधि ही दिखाई दी, जो कार के बाएं पहिये से थोड़ी दूर थी। इसके बाद कार उन्होंने आगे ली तो अंजलि का पैर एक्सेल सस्पेंशन में फंस गया और वह कार के साथ कई किलोमीटर तक घिसटती चली गई।

बाएं पहिये की ओर हुई थी टक्कर

लेन तोड़कर आई कार के बाएं पहिये की ओर स्कूटी टकराई थी।दुर्घटना के बाद स्कूटी व निधि कार के बाएं तरफ के पहिये की ओर गिर गई, जबकि अंजलि कार के बिल्कुल नीचे। अब पुलिस यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि आखिरकार कैसे 30 किलोमीटर तक आरोपितों को पता ही नहीं चला कि कार के नीचे अंजलि फंसी हुई है।

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