उत्तराखंडः मंत्री सतपाल महाराज की बिना सहमति एचओडी बनाने के मामले ने पकड़ा तूल

देहरादून :  बिना मंत्री की सहमति के उनके डिजिटल साइन के जरिए फाइल पर अनुमोदन देकर विभाग में एचओडी पद पर प्रमोशन देने के मामले ने तूल पकड़ लिया है. विपक्ष इस मामले पर चटकारे ले रहा है  तो बीजेपी संगठन भी मंत्री से मामले की रिपोर्ट तलब करने की तैयारी कर रहा है.

दरअसल, लोक निर्माण विभाग के मंत्री सतपाल महाराज कैबिनेट में सबसे सीनियर मिनिस्टर है..उत्तराखंड में ऐसा पहली बार हुआ है जब मंत्री ने अपने ही विभाग के एचओडी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई हो. इससे सरकार के साथ ही बीजेपी संगठन भी असहज महसूस कर रहा है. महाराज के कैबिनेट सहयोगी पूरे मामले पर कुछ भी कहने से बच रहे हैं तो इधर, बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष का कहना है कि इस मसले पर महाराज से बातचीत की जाएगी.

मामला मई महीने का है. आरोप है कि मंत्री के प्राइवेट सेक्रटरी ने उनकी बिना अनुमति के डिजिटल साइन के जरिए इंजीनियर अयाज अहमद को लोक निर्माण विभाग का एचओडी बनाए जाने की फाइल पर अनुमोदन दे दिया और अयाज अहमद विभाग के चीफ बन गए.मंत्री ने छह महीने बाद ये रिपोर्ट दर्ज कराई है.कांग्रेस अब इस पर चुटकी ले रही है.कांग्रेस का कहना है कि महाराज तो महाराज हैं, जब जागे, तभी सवेरा.

लोकसभा चुनाव 2024 में 100% रिजल्ट चाहती है भाजपा, उत्तराखंड में इस खास प्लान पर काम शुरू

मामले में पहले भी एक बार अपर सचिव सचिवालय प्रशासन जांच कर चुके हैं, जिसमें धोखाधड़ी का कोई ठोस सबूत नहीं मिला है. अब रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद सतपाल महाराज ने पूरे प्रकरण पर चुप्पी साध ली है.उनकी चुप्पी से कई सवाल खड़े हो रहे हैं.सवाल ये कि कैसे कोई बिना मंत्री की सहमति के उनके डिजिटल साइन का प्रयोग कर सकता है?  और सवाल ये भी कि रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए मंत्री ने आखिर छह महीने तक इंतजार क्यों किया?

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker