उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने मिलकर 78 ट्रेनें की निरस्त, हजारों यात्री बेबस
लखनऊ: कोहरे के नाम पर अब तक उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे प्रशासन ने मिलकर 78 ट्रेनें निरस्त कर दी है। इन ट्रेनों के निरस्त होने से हजारों यात्री बेबस गए। ऐसे में यात्री एसोसिएशन ने सवाल उठाया है कि क्या रेलवे का फॉग डिवाइस बेअसर हो गया है? कोहरे से टक्कर लेने वाला फॉग डिवाइस पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिए। बावजूद यात्रियों को ठंड में कोहरे के नाम पर कोई राहत मिलने नजर नही आ रहा है।
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निरस्त ट्रेनों में लखनऊ से देहरादून जाने वाली जनता समेत शहीद, कुंभ, डबलडेकर सरीखे ट्रेनों के नाम है जो हर साल कोहरे के नाम पर रद्द कर दी जाती है। ये ट्रेनें आगामी फरवरी महीने तक रद्द रहेंगी। ट्रेनों के निरस्त होने से यात्रियों के लिए सफर का जो संकट खड़ा होता है, उस पर रेलवे प्रशासन का कोई लेना देना नहीं है। ऐसे में रेलवे की दलील है कि रद्द ट्रेनों से मालगाड़ी की रफ्तार बढ़ेंगी, साथ ही ट्रैक से लेकर सिग्नल व मरम्मत काम में तेजी आएगी। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक उत्तर रेलवे की 550 ट्रेनों में फॉग डिवाइसें लगी हुई हैं। जबकि पूर्वोत्तर रेलवे की 330 ट्रेनों में फॉग डिवाइसों से लैस है।