साइबर ठगी का नया हब बन रहा है गोवर्धन, लगातार बढ़ रहा है अपराध का ग्राफ
अलीगढ़: तमाम जागरूकता के बाद भी जिले में हर दिन साइबर ठगी के दस से बारह प्रकरण सामने आ रहे हैं।
केस:-1
सासनी गेट थाना क्षेत्र के जयगंज के एक युवक को कॉल आया। उधर से ठग ने पेटीएम एकाउंट में गड़बड़ी की बात कही और फिर रुपये ठगने का प्रयास किया। युवक ने समझदारी दिखाई तो ठगी से बचा। पुलिस शिकायत पर जांच में आरोपी गोवर्धन क्षेत्र के निकले।
केस:-2
गांधीपार्क थाना क्षेत्र के नौरंगाबाद के एक युवक को कॉल आया। क्रेडिट कार्ड ऑफर करते हुए बैंक खाते व पेटीएम एकाउंट संबंधी जानकारी लेना शुरू किया। युवक उनकी बातों में आ गया और पेटीएम वालेट से रुपये पार कर दिए गए। जांच में आरोपी गोवर्धन क्षेत्र से ही निकले।
तमाम जागरूकता के बाद भी जिले में हर दिन साइबर ठगी के दस से बारह प्रकरण सामने आ रहे हैं। इनमें 10 प्रकरण ऑनलाइन दर्ज हो रहे हैं, जबकि दो से तीन मामले ऑफलाइन दर्ज हो रहे हैं। खास बात ये है कि कई मामलों में साइबर ठगी पड़ोसी जनपद मथुरा के गोवर्धन क्षेत्र से हो रही है। पश्चिमी यूपी की साइबर पुलिस के आंकड़े इसकी गवाही दे रहे हैं कि अब गोवर्धन में बैठे साइबर ठग लगातार ऐसी घटनाओं को अंजाम दे रहे हैं। उनके द्वारा की जा रही घटनाओं में लगातार इजाफा हो रहा है।
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पुलिस ने अब तक जो जांच पड़ताल की है, उसके अनुसार साइबर ठगी का सबसे बड़ा गढ़़ जमताड़ा रहा है। इसके बाद दिल्ली से विदेशी माल की डिलीवरी के नाम पर ठगी, अमरोहा से सिम बदलने की ठगी, हरियाणा से मोबाइल टावर लगवाने की ठगी होती रही है। मगर गोवर्धन से पेटीएम एकाउंट से जुड़ी ठगी के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। इस ठगी का ग्राफ बढ़ रहा है।
साइबर ठगी पर काम कर रही टीमों ने जब गोवर्धन के इस गांव के विषय में जानकारी जुटाई तो पता चला कि यह गांव मथुरा के राजस्थान व हरियाणा बॉर्डर पर है। मथुरा पुलिस भी इस गांव के ठगों से परेशान है।
आसानी से ये ठग घटना को अंजाम देकर दूसरे राज्य में प्रवेश कर जाते हैं और पुलिस से बच जाते हैं। इसे लेकर अब पश्चिमी यूपी की पुलिस ठोस रणनीति बनाने पर काम कर रही है। इंस्पेक्टर साइबर थाना सुरेंद्र सिंह इतना ही बताते हैं कि सभी जगहों के ठगों पर पुलिस रणनीति बनाकर काम कर रही है।
जिले में साइबर ठगी के आंकड़े
- 2500 शिकायतें इस साल आनलाइन दर्ज हुई हैं
- 500 शिकायतों को ऑफलाइन करवाया गया दर्ज
- 400 आफलाइन शिकायतों का हो चुका है निस्तारण
- 41 मुकदमे अब तक रेंज स्तरीय साइबर थाने में दर्ज
- 15 मुकदमों का पुलिस कर चुकी है पर्दाफाश