Ram Katha: भगवान श्रीराम ने क्यों फोड़ी थी कौए की आंख? बाद में दिया वरदान, पढ़ें यह कथा
Ram Katha: कौआ के बारे में एक काफी दिलचस्प बात जानने योग्य है कि उसकी होती तो दो आंखें हैं, लेकिन वो देख सिर्फ एक ही आंख से सकता है. ऐसे में अब सवाल ये उठता है कि आखिर कौए की एक आंख ही क्यों होती है? इसके पीछे एक पौराणिक कथा काफी प्रचलित है. भगवान श्री राम ने एक बार क्रोध में आकर कौए की एक आंख फोड़ दी थी., लेकिन क्यों? आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से.
श्रीराम और कौआ की कथा
श्रीरामचरितमानस में तुलसीदास जी ने इस कथा का जिक्र विस्तार से किया है. कहा जाता है कि एक बार इंद्र देव के पुत्र जयंत ने भगवान श्रीराम की परीक्षा लेने की सोची. दरअसल में वो श्रीराम की शक्ति की जानकारी लेना चाहते थे, इसीलिए उन्होंने कौए का रूप धारण कर लिया और माता सीता के पास पहुंच गए और माता के पैर को अपने चोंच से घायल कर दिया और वहां से भाग गए.
जब भगवान श्रीराम ने माता के घायल पैर को देखा तो उन्हें काफी क्रोध आ गया और उस कौए के बारे में जानते ही उन्होंने अपने कोदंड नाम के धनुष पर सरकंडे को चढ़ाकर उस कौए पर निशाना लगाने की तैयारी शुरू कर दी, जिसे देख कौए रूपी जयंत की डर से हालत खराब हो गई और वो भागकर ब्रह्मलोक और शिवलोक भी गए.
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फिर वो अपने पिता इन्द्र देव के पास गए तो इन्द्र देव ने उनसे कहा कि उस बाण से तुम्हारी रक्षा सिर्फ स्वयं भगवान श्री राम ही कर सकते हैं. इसके बाद वो भागते हुए भगवान श्री राम के चरणों में आकर गिर गए और अपने किए की माफी मांगने लगे.
तब भगवान राम ने कहा कि वो इस बाण को वापस तो नहीं ले सकते हैं, लेकिन उससे कम आघात पहुंचा सकते हैं. ऐसे में श्री राम ने अपने उस बाण से कौए के रूप में मौजूद जयंत की एक आंख फोड़ दी. उसी दिन से कौए को एक आंख वाला माना जाने लगा.
पितृ पक्ष में कौए को भोजन कराने की है परंपरा
इसी कथा के अनुसार कौए की एक आंख फोड़ने के बाद भगवान श्रीराम ने उसे वरदान दिया कि पितरों को अर्पित किए जाने वाले भोजन में से एक हिस्सा तुम्हें मिलेगा. कहा जाता है कि तभी से पितृपक्ष के दिनों में कौए को भोजन कराकर पितरों को प्रसन्न किया जाता है.