ब्रेस्ट साइज बढ़ाने के लिए करें रोजाना करें ये 3 योगासन

हर महिला के ब्रेस्‍ट का साइज एक जैसा नहीं होता है। समय के साथ शरीर में आने वाले बदलाव का असर उनके स्तनों पर भी पड़ता है। प्रेगनेंसी और ब्रेस्टफीडिंग के दौरान महिलाओं के ब्रेस्ट का साइज बढ़ जाता है। तो वहीं उम्र बढ़ने के साथ ये लटकने लगते हैं। 
ऐसे में अपने स्तनों को सही शेप में रखने के साथ उनके साइज को बढ़ाने या घटाने के लिए महिलाएं कई बार मेडिसिन और केमिकल युक्त क्रीम का इस्तेमाल करने लगती हैं। जो भविष्य में कई बार काफी नुकसानदायक भी हो सकता है। ऐसी महिलाएं जो अपने ब्रेस्ट का साइज बढ़ाना या उन्हें सही शेप देना चाहती हैं वो ये कुछ आसन कर सकती हैं। 

एनसीबीआई (नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन) की वेबसाइट पर पब्लिश एक रिसर्च के मुताबिक, योग ब्रेस्‍ट में फैट और ग्‍लैंड्स के टिशू को बढ़ाकर स्तनों के साइज को बढ़ाने में सहायता करता है। योग करने का सबसे बड़ा लाभ यह है कि इसे करने से बॉडी को कोई नुकसान नहीं होता है

भुजंगासन-
भुजंगासन को कोबारा पोज के नाम से भी जाना जाता है।इस पोज को करते समय सांप की आकृति बनती है। यह आसन ब्रेस्ट साइज को बढ़ाने में मदद करता है। इस योग से आपके ब्रेस्‍ट के आस-पास की मसल्‍स में स्‍ट्रेच आता है, जिससे ब्रेस्‍ट का साइज बढता है।

भुंजागासन करने का तरीका-
भुंजागासन करने के लिए सबसे पहले मकरासन से शुरू करें। इसके लिए जमीन पर मैट बिछाएं और उस पर पेट के बल लेट जाएं। अपने पैर सीधे और खुले रखें और हथेलियों को सीने के पास कंधों की सीध में रखें। शरीर को सहज अवस्था में रखें। अब अपने पैरों को आपस में मिलाएं और हाथों को अपने सामने सीधा बढ़ाएं। माथे को जमीन पर रखें। अब हाथों को सीने की तरफ वापस खींच लें और हथेलियों को जमीन पर सीने के पास रखें। गहरी सांस लेते हुए अपनी अपर बॉडी को ऊपर की तरफ उठाएं। आपकी कोहनी इस दौरान शरीर के साथ सीधी रेखा में होनी चाहिए। पैरों को इस तरह स्ट्रेच करें कि आपको अधिक खिंचाव महसूस ना हो। सिर को जितना हो सके ऊपर की तरफ उठाएं। इस स्थिति में 15-30 सेकेंड के लिए रूकें। उसके बाद गहरी सांस लेते हुए सामान्य अवस्था में आ जाएं और इस आसन को फिर से दोहराएं। 

शलभासन-
इस आसन को लोकस्ट पोज के नाम से जाना जाता है। शलभासन को करने से ब्रेस्‍ट के आस-पास की मसल्‍स में स्‍ट्रेच आने की वजह से ब्रेस्‍ट का साइज बढता है। इसके अलावा यह रीढ़ की हड्डी, पीठ के निचले हिस्से के दर्द और थकान को दूर करने में भी मदद कर सकता है।

शलभासन करने का तरीका-
शलभासन करने के लिए छाती के बल लेट जाएं। इसके लिए आप योगा मैट या मोटे कालीन का इस्तेमाल कर सकते हैं। अपने हाथों को शरीर के बगल में फर्श की ओर चेहरे के साथ रखें। अब अपनी जांघों को जोड़ते हुए पैर की उंगलियों को पीछे की ओर इंगित करें। लंबी गहरी सांस लेकर अपनी छाती और हाथों को ऊपर उठाएं। 5 गहरी सांस लेने और छोड़ने तक इस स्थिति में रहें। इस क्रम को 5 बार दोहराएं। आप अपने हाथ सीधे सामने भी रख सकते हैं। लंबी गहरी सांस लेकर अपनी छाती, हाथों, जांघों और पैरों को चटाई से ऊपर उठाएं। चटाई पर सिर्फ पेट ही रहना चाहिए। 10 गहरी सांसों के लिए वहीं रुकें और सामान्य स्थिति में लौटें। हथेलियों पर शरीर को आराम देकर आसन को पूरा करें।

पर्वतासन-
इस आसन को पर्वतासन कहा जाता है क्‍योंकि इसे करते हुए शरीर की आकृति पर्वत के तरह हो जाती है। इसे करने से ब्रेस्‍ट एरिया का ब्‍लड सर्कुलेशन बढ़ता है जिससे ब्रेस्‍ट का साइज बढ़ता है। इसके अलावा पर्वतासन करने से कंधो को मजबूती मिलती है, कमर की चर्बी को दूर होती है और पेट से संबंधित समस्याओं को ठीक करने में यह योग बेहद ही फायदेमंद है।

पर्वतासन करने का तरीका-
पर्वतासन करने के लिए सबसे पहले मैट पर पद्मासन में बैठ जाएं। अब आप अपने हाथों की उंगलियों को आपस में फंसा लें। लंबी श्वास लेते हुए हाथों को ऊपर की तरफ लेकर जाएं। इस दौरान हाथ आपके सिर के ऊपर होने चाहिए। अब अपने शरीर और हाथों को अच्छी तरह से ऊपर की ओर स्‍ट्रेच करें। इस दौरान आप श्वास को थोड़ा अंदर की तरफ रोक लें। इसके बाद आप पहली पोजीशन में आ जाएं। इस आसन को आप 4 से 5 बार करें।

Back to top button

Adblock Detected

Please consider supporting us by disabling your ad blocker