20 साल में पहली बार गुजरात में भाजपा ने उतारा ईसाई उम्मीदवार, क्यों अहम है यह दांव

दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुजरात में 20 साल में पहली बार एक ईसाई को अपना उम्मीदवार बनाया है। पार्टी ने व्यारा सीट से अल्पसंख्यक चेहरे पर भरोसा जताया है। भाजपा ने मोहन कोकानी को इस सीट पर कांग्रेस के पुनाजी गामित के खिलाफ उतारा है जो इस सीट से चार बार के विधायक हैं। 

48 साल के कोकानी तापी जिले के व्यारा सीट से भाजपा के उम्मीदवार हैं। इस सीट पर आदिवासी और ईसाइयों की बड़ी आबादी है। डोलवां तालुका के हरिपुरा गांव के रहने वाले कोकानी के सहारे भाजपा इस बार कांग्रेस से यह सीट छीनना चाहती है। व्यारा सीट को कांग्रेस का मजबूत गढ़ माना जाता है। यहां 2.23 लाख यानी 45 फीसदी वोटर्स ईसाई हैं। 

धर्म परिवर्तन करके ईसाई बने 64 साल के गामित 2007 से ही कांग्रेस के विधायक हैं। कोकाणी एक सामाजिक कार्यकर्ता और किसान हैं। वह 1995 से ही भाजपा के सक्रिय सदस्य हैं। 2015 में उन्होंने कांग्रेस के कॉपरेटिव नेता मावजी चौधरी को तापी जिला पंचायत चुनाव में हरा दिया था। इस समय पर तापी जिला पंचायत अध्यक्ष हैं।

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मोहन कोकानी पार्टी नेतृत्व का आभार जताते हैं कि उनमें भरोसा जताया गया।  उन्होंने कहा, ”1 दिसंबर को मैं व्यारा सीट पर इतिहास रच सकता हूं और मुझे इसका विश्वास है। व्यारा का राजनीतिक माहौल बदल गया है और मैं विधानसभा के 72 हजार ईसाई वोटर्स पर भरोसा करता हूं।” व्यारा में भाजपा के अल्पसंख्यक दांव को लेकर पूछे गए सवाल में पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि अब ‘सबका साथ सबका विकास’ का समय है। 182 सदस्यी विधानसभा में 27 सीटें आदिवासी बहुल है। इनमें से कम से कम 8 सीटों पर ईसाइयों की अच्छी आबादी है। हालांकि, कांग्रेस भी एक ही ईसाई उम्मीदवार उतारती रही है। 

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