लुप्त होती खपरैल कला को कश्मीर में पुनर्जीवित करने के लिए लगायी गयी फोटो प्रदर्शनी
आपने मिट्टी के खपरैल का नाम तो सुना ही होगा जिसे खनियारी टाइल के रूप में भी जाना जाता है। आजकल यह बहुत कम ही देखने को मिलती हैं क्योंकि मिट्टी के घर अब बनते नहीं हैं। इस तरह यह पुरानी कला दम तोड़ती जा रही है। लेकिन कश्मीर में इसे पुनर्जीवित करने का काम शुरू किया गया है। एक युवा वास्तुकार जोया खान ने श्रीनगर में एक फोटो प्रदर्शनी का आयोजन किया जिसमें मिट्टी के खपरैलों की खूबसूरती को दर्शाया गया। प्रभासाक्षी से बातचीत करते हुए जोया ने कहा कि इस प्रदर्शनी के आयोजन के पीछे उनका उद्देश्य इस बात पर प्रकाश डालना था कि कश्मीर में बनने वाली मिट्टी की टाइलें बहुत कुछ कहती हैं और यहां के कला सौंदर्य को भी दर्शाती हैं।
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हम आपको बता दें कि कश्मीर के हस्तशिल्प और हथकरघा विभाग द्वारा इस प्रदर्शनी के आयोजन में सहयोग किया गया था। प्रदर्शनी में भाग लेने के दौरान हस्तशिल्प और हथकरघा विभाग के निदेशक महमूद शाह ने कहा कि इस तरह की कला और शिल्प के पुनरुद्धार के लिए इस तरह की प्रदशर्नियों का आयोजन महत्वपूर्ण है। इस प्रदर्शनी में में सरकारी अधिकारियों, शिक्षाविदों, छात्रों और जीवन के अन्य क्षेत्रों से जुड़े लोगों ने भाग लिया।