दिल्ली में डेंगू का डंक! अक्टूबर के शुरुआती दिनों में 600 से ज्यादा केस

दिल्ली: दिल्ली में डेंगू डरा रहा है। अक्टूबर के शुरुआती 12 दिनों में डेंगू के 635 नये केस दर्ज किये गये हैं। नगर निगम की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन नये केसों के साथ इस साल अब तक दिल्ली में डेंगू के कुल मामलों की संख्या 1,572 तक पहुंच गई है। इससे पहले सिर्फ सिंतबर के महीने में डेंगू के कुल 693 केस सामने आए। इस साल सितंबर के अंत तक डेंगू के कुल 937 केस दर्ज किये गये थे और अक्टूबर महीने के शुरुआती 12 दिनों में 635 केस दर्ज किये गये। 

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 5 अक्टूबर से लेकर 12 अक्टूबर के बीच डेंगू के 314 ताजा केस दर्ज किये गये थे। 1 अक्टूबर से लेकर 5 अक्टूबर तक शहर में 321 केस दर्ज किये गये। साल 2015 में दिल्ली में डेंगू ने जमकर कहर बरपाया था। उस साल अक्टूबर में डेंगू के 10,600 केस सामने आए थे। साल 1996 के बाद साल 2015 में डेंगू का प्रकोप सबसे ज्यादा बरपा था। 

सोमवार को दिल्ली नगर निगम ने जो रिपोर्ट जारी की उसके मुताबिक जनवरी में डेंगू के 23 केस सामने आए थे। फरवरी में 16, मार्च में 22, अप्रैल में 20 केस, मई में 30 केस, जून में 32 केस, जुलाई में 26 केस और अगस्त में 75 केस सामने आए थे। इस साल अब तक डेंगू से किसी की मौत की खबर अब तक नहीं आई है।

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बता दें कि दिल्ली में डेंगू के डंक के प्रकोप को देखते हुए दिल्ली सरकार ने सभी अस्पतालों में 10 से 15 फीसदी बेड्स वेक्टर जनित बिमारियों के रोगियों के लिए खासतौर पर डेंगू के मरीजों के लिए आरक्षित रखने का निर्देश दिया था। केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के अस्पतालों/नर्सिंग होम को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि डेंगू, बुखार या किसी अन्य वेक्टर जनित बीमारी से पीड़ित किसी भी मरीज को अस्पताल में बिस्तरों की कमी के कारण प्रवेश से वंचित न किया जाए।

इन बढ़ते मामलों को देखते हुए दिल्ली सरकार ने फ़ैसला लिया है कि दिल्ली के सभी अस्पतालों में 10 से 15 फीसदी बेड्स वेक्टर जनित बिमारियों के रोगियों के लिए खासतौर पर डेंगू के मरीजों के लिए आरक्षित रखा जाए. इस बाबत केजरीवाल सरकार ने दिल्ली के अस्पतालों/नर्सिंग होम को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि डेंगू, बुखार या किसी अन्य वेक्टर जनित बीमारी से पीड़ित किसी भी मरीज को अस्पताल में बिस्तरों की कमी के कारण प्रवेश से वंचित न किया जाए इसके लिए अस्पताल अपने यहां कुल बेड्स के 10 से 15 फीसदी बेड्स को इन मरीजों के लिए आरक्षित रखे.

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