बढ़ने लगी है सोने की चमक,पोर्टफोलियो में कितना गोल्ड रखें निवेशक?
दिल्ली : पिछले महीने तक 50 हजार से नीचे चल रहा सोना दोबारा अपनी चमक बढ़ा रहा है. देश में त्योहारी सीजन की वजह से मांग बढ़ी है तो ग्लोबल मार्केट में भी कई फैक्टर सोने को सपोर्ट कर रहे हैं. ऐसे में एक्सपर्ट भी अब सोने पर दांव लगाने की सलाह देने लगे हैं.
ग्लोबल मार्केट को देखें तो सोने का हाजिर रेट अभी 1,700 डॉलर प्रति औंस के आसपास चल रहा है. निवेशक पिछले कुछ महीने से सोने पर दबाव देखकर हाथ खींच रहे थे, लेकिन मौजूदा हालात सोने के पक्ष में बनते दिख रहे हैं. कमोडिटी एक्सपर्ट और केडिया एडवाइजरी के डाइरेक्टर अजय केडिया का कहना है कि ग्लोबल और घरेलू मार्केट में कई ऐसे फैक्टर हैं, जो सोने में निवेश का इशारा कर रहे हैं.
कमजोर रुपया बना सोने की ताकत
डॉलर के मुकाबले रुपये में आ रही कमजोरी सोने की चमक बढ़ा रही है. विदेशी निवेशकों को फिलहाल इक्विटी और फॉरेक्स में पैसे लगाना जोखिम का काम लग रहा है. सिर्फ भारतीय मुद्रा ही नहीं, बल्कि यूरो, पाउंड सहित एशिया की भी तमाम मुद्राएं डॉलर के मुकाबले एतिहासिक निचले स्तर पर चल रही हैं. ऐसे में जोखिम को देखते हुए विदेशी निवेशक फिर सेफ हैवन माने जाने वाले सोने पर दांव लगाने लगे हैं.
त्योहारी मांग बढ़ने का असर
अगर घरेलू बाजार की बात की जाए तो अक्टूबर की शुरुआत के साथ ही त्योहारी सीजन भी शुरू हो गया है. धनतेरस, दिवाली सहित तमाम बड़े त्योहार आने वाले कुछ महीनों में ही मनाए जाएंगे और इस दौरान सोने की मांग बढ़ना लाजिमी है. अजय केडिया का कहना है कि त्योहारी सीजन की मांग को देखते हुए घरेलू बाजार में सोने का भाव अगले दो-तीन महीने में 53,500 रुपये प्रति 10 ग्राम के पार जा सकता है. अगर दिसंबर तक का समय देखें तो सोने का वायदा भाव एमसीएक्स पर 53 हजार के आसपास रहेगा.
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मंदी की आहट से चमकेगा सोना
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने आगे भी ब्याज दरें बढ़ाने का संकेत दिया है और महंगाई के काबू में आने तक इसमें बढ़ोतरी की गुंजाइश दिख रही है. ऐसे में अगर ब्याज दरें आगे भी बढ़ती हैं तो शेयर बाजार और इक्विटी से जुड़े अन्य निवेश विकल्पों में गिरावट आएगी. जाहिर है कि निवेशक फिर सोने की तरफ भागेंगे. आईएमएफ और विश्व बैंक सहित दुनिया की तमाम एजेंसियों ने मंदी की आशंका जताई है और इसका सीधा लाभ सोने को मिलता दिख रहा है. साल 2008 की मंदी पर नजर डालें तो देखेंगे कि तब भी सोने में अचानक उछाल आया था. कारोनाकाल में भी जब दुनियाभर के बाजार गिर रहे थे तो सोने की कीमत रिकॉर्ड बना रही थी.
महंगाई भी बना रही सोने के लिए जमीन
भारत ही नहीं पूरी दुनिया इस समय महंगाई से जूझ रही है और जब भी महंगाई ऊपर जाती है सोने को सपोर्ट मिलता है. रूस-यूक्रेन युद्ध के समय जब ग्लोबल सप्लाई चेन पर असर पड़ा और महंगाई ने रफ्तार पकड़ी तो सोना भी 56 हजार के दायरे को पार कर गया. एक्सपर्ट का अनुमान है कि जब तक महंगाई का जोखिम है, सोने में निवेश की मांग बढ़ने की पूरी गुंजाइश दिख रही है.
निवेशक पोर्टफोलियो में कितना सोना रखें
एक्सपर्ट का कहना है कि अगर मौजूदा सिनेरियो को देखें तो सोने की मांग आगे बढ़ती दिख रही है और निवेशकों को इस पर दांव लगाना चाहिए. हालांकि, अगर पोर्टफोलियो में सोने के हिस्सेदारी की बात करें तो यह कुल निवेश का फिलहाल 20 फीसदी रखा जा सकता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि मौजूदा गिरावट के बावजूद इक्विटी बाजार से मोटा रिटर्न मिलने की गुंजाइश बनी हुई है.