मुकेश खन्ना बोले- ‘1 हजार कहानियां बनाओ, लेकिन हमारे देवी-देवताओं का मजाक मत उड़ाओ’

‘आदिपुरुष’ (Adipurush Controversy) को लेकर विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. आम लोगों से लेकर नेता और दिग्गज अभिनेता फिल्म के किरदारों को पेश करने के तरीके पर आपत्ति जता रहे हैं. फिल्म के वीएफएक्स और सीजीआई को लेकर इसकी आलोचना कर कर रहे हैं. मुकेश खन्ना और गजेंद्र चौहान ने ‘आदिपुरुष’ में मुख्य पात्रों में किए गए बदलावों के बारे में बात की है. एक नए इंटरव्यू में मुकेश ने कहा कि लोग हजारों कहानियां बना सकते हैं लेकिन ‘हमारे देवी-देवताओं’ का मजाक नहीं उड़ा सकते.

मुकेश खन्ना (Mukesh Khanna) ने कहा कि उन्हें हिंदू किरदारों का उसी तरह सम्मान करना चाहिए जैसे वह साउथ की फिल्मों में करते हैं. गजेंद्र चौहान ने कहा कि रावण ‘हमारे इतिहास का एक अभिन्न चरित्र’ है और अगर उसका रूप बदल दिया जाता है, तो ऑडियंस इसे स्वीकार नहीं करेगी. ईटाइम्स को दिए इंटरव्यू में मुकेश खन्ना,”उन्होंने कलयुग को महाभारत की व्याख्या के तौर पर बनाया. लेकिन उन्होंने कभी नहीं कहा कि वे इसे दोहरा रहे हैं.”

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मुकेश खन्ना ने आगे कहा, “रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों को तकनीक से नहीं बनाया जा सकता. कुछ लोग कहते हैं, ‘आप कौन होते हैं आपत्ति करने वाले जब सेंसर बोर्ड ने इसे पास किया है?’ सेंसर बोर्ड कोई हमारा मैं बाप नहीं है. यह सुप्रीम कोर्ट नहीं है. 1 हजार कहानियां बनाओ, लेकिन हमारे देवी-देवताओं का मजाक मत उड़ाओ. तभी आपकी फिल्म चलेगी.”

हिंदू किरदारों का सम्मान करें

मुकेश खन्ना ने आगे कहा, “देखिए जब यहां बायकॉट कल्चर था तब भी ‘कार्तिकेय 2’ ने कितना अच्छा काम किया. यदि आप हिंदू पात्रों का उपयोग करते हैं, तो उनका सम्मान करें जैसे वे दक्षिण की फिल्मों में करते हैं. ” वहीं, गजेंद्र चौहान (Gajendra Chauhan) ने कहा,”जब भी राम लीला होती है, राम को राम के रूप में ही देखा जाता है. इसलिए जब तक बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता है, आप किसी की भावनाओं को आहत नहीं कर सकते.”

रावण के लुक में बदलाव स्वीकार्य नहीं

गजेंद्र चौहान ने आगे कहा, “जो निर्माता इन पात्रों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं, और वे हर बार असफल रहे हैं. मैंने अपने 4 दशक लंबे करियर में करीब 150 किरदार निभाए हैं. तो मेरा मानना है, भगवान शिव को शिव के रूप में दिखाया जाना चाहिए, भगवान विष्णु को विष्णु के रूप में दिखाया जाना चाहिए. इसी तरह रावण भी हमारे इतिहास का अभिन्न चरित्र रहा है. अगर आप उनके लुक और माहौल को बदलने की कोशिश करेंगे तो दर्शक इसे कभी स्वीकार नहीं करेंगे.”

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