जब कार खरीदने के लिए लाल बहादुर शास्त्री को लेना पड़ा था 5000 रुपये का लोन, मौत के बाद पत्नी ने चुकाया उधार 

दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री (Lal Bahadur Shastri) का जन्म दो अक्टूबर 1904 को हुआ था। उनकी सादगी और विनम्रता के लोग कायल थे। उन्होंने वर्ष 1965 के भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान ‘जय जवान जय किसान’ का नारा दिया था। लाल बहादुर शास्त्री अपने उसूलों के बड़े पक्के थे। अपने बेटे अनिल शास्त्री के कहने पर लाल बहादुर शास्त्री ने कार खरीदने की योजना बनाई। लेकिन उनके पास तब इतने पैसे नहीं थे कि वो कार खरीद सकें। जिसके के लिए उन्हें तब बैंक से लोन लेना पड़ा था। 

अनिल शास्त्री बताते हैं कि उनके पिता इस बात के खिलाफ थे कि सरकारी गाड़ी का प्रयोग घरेलू उपयोग के लिए हो। बेटे के अनुरोध पर जब उन्होंने कार खरीदने की योजना बनाई तब उन्हें पता चला कि उनके अकाउंट में 7000 रुपये ही हैं। अगर वो चाहते तो गाड़ी आसानी से मंगा सकते थे। लेकिन अपनी कथनी और करनी में कभी फर्क नहीं करने वाले लाल बहादुर शास्त्री ने कार खरीदने के लिए 5000 रुपये का लोन लिया। 

अपने संस्मरणों पिता को याद करते अनिल शास्त्री कई बार इसका जिक्र कर चुके हैं कि उनके परिवार को फिएट की एक कार पसंद आई थी। लेकिन उसकी कीमत 12,000 रुपये थी। जबकि उनके पिता के बैंक अकाउंट में 7000 रुपये थे। तब उन्होंने 5000 रुपये का लोन पंजाब नेशनल बैंक से लेने का फैसला किया। यह लोन एक ही दिन में अप्रूव हो गया था। 

मौत के बाद पत्नी ने चुकाया लोन 

11 जनवरी को लाल बहादुर शास्त्री की मौत ताशकंद में हो जाती है। लेकिन उनका लोन तब भी बचा रहता है। जिसे बाद में उनकी पत्नी ने चुकाया था।

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